केंद्र से हिमाचल का हक मांगेंगे मुख्यमंत्री, लंदन से लौटे सुक्खू, आज दिल्ली में मंत्रालयों में मुलाकात संभव


मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू लंदन दौरे के बाद दिल्ली वापस आ गए हैं। नई दिल्ली एयरपोर्ट पर उनके राजनीतिक सलाहकार सुनील बिट्टू समेत दिल्ली स्थित अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। मुख्यमंत्री सोमवार सुबह भारत सरकार के मंत्रालयों में हिमाचल के मसलों को लेकर मुलाकात कर सकते हैं। जीएसटी की दरों में हुए बदलाव के बाद और भी कई घटनाएं हुई हैं। अमरीका ने एक्सपोर्ट की जाने वाली दवाओं पर 100 फीसदी टैरिफ लगा दिया है। फार्मा प्रोडक्शन के हिसाब से हिमाचल देश भर में अग्रणी है, इसलिए राज्य सरकार इस बारे में केंद्र के समक्ष अपनी चिंताएं रख सकती है। एक और महत्त्वपूर्ण मामला बीबीएमबी में हिमाचल के बकाया भुगतान को लेकर है।

एक तरफ कोर्ट में यह केस और लंबा खिंच रहा है, वहीं दूसरी तरफ किशाऊ डैम प्रोजेक्ट को लेकर पड़ोसी राज्य जल्दी फैसला चाहते हैं। इस प्रोजेक्ट से न सिर्फ बिजली, बल्कि पानी भी हरियाणा और दिल्ली को चाहिए। हिमाचल ने पहले ही शर्त लगा रखी है कि बीबीएमबी एरियर क्लियर होने पर ही इस प्रोजेक्ट पर विचार होगा। अन्य विभागों के ऐसे मामले भी मुख्यमंत्री दिल्ली में उठा सकते हैं, जो राज्य से संबंधित हैं। आपदा राहत के मामले में प्रधानमंत्री मोदी ने हिमाचल दौरे के बाद 1500 करोड़ का पैकेज देने को कहा था। अभी तक यह पैसा राज्य सरकार को नहीं मिला। इस मामले में भी हस्तक्षेप की मांग की जा सकती है। दिल्ली दौरे के बाद यह भी संभव है कि दिल्ली से मुख्यमंत्री सीधे अपने चुनाव क्षेत्र नादौन आएं और उसके बाद शिमला वापसी हो। मुख्यमंत्री के शिमला पहुंचते ही अगली कैबिनेट की बैठक करने की तैयारी भी शुरू होगी।

प्रबोध सक्सेना को फिर एक्सटेंशन या प्रदेश को मिलेगा नया चीफ सेक्रेटरी

मुख्यमंत्री की शिमला वापसी के साथ यह फैसला भी होगा कि राज्य का अगला मुख्य सचिव कौन होगा? वर्तमान मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना को छह माह की एक्सटेंशन मिली थी, जो 30 सितंबर को खत्म हो रही है। उनके इस सेवा विस्तार को लेकर पहले ही हिमाचल हाई कोर्ट में एक केस चल रहा है, जिसमें अब राज्य सरकार से जवाब मांगा गया है। केंद्र सरकार इसमें पहले ही जवाब दायर कर चुकी है। क्या प्रबोध सक्सेना को ही फिर से एक्सटेंशन मिलेगी या फिर नए मुख्य सचिव को लेकर फैसला होगा?

इसी सवाल के जवाब में यह बात भी छिपी है कि इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन में किसकी नियुक्ति होती है? इस नियुक्ति को लेकर सर्च कमेटी ने अपनी रिकमेंडेशन राज्य सरकार को सौंप दी है, जिस पर अब मुख्यमंत्री को फैसला लेना है। हाई कोर्ट में चल रहे केस को देखते हुए अब चर्चा है कि राज्य को नया मुख्य सचिव मिल सकता है। यदि ऐसा हुआ तो दो दावेदारों के बीच मुख्यमंत्री को यह निर्णय करना है। बिजली बोर्ड के अध्यक्ष संजय गुप्ता और वन व गृह विभाग देख रहे अतिरिक्त मुख्य सचिव केके पंत इसके दावेदार हैं, लेकिन जिस तरह से पिछली बार सक्सेना को एक्सटेंशन मिली थी, उससे ऐसा लग रहा है कि मुख्यमंत्री के भारत सरकार को आग्रह से दोबारा भी सेवा विस्तार मिल सकता है।

 

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