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अंजू को ससुराल में उल्टा लटकाया, गर्म सलाखों से दागा, खाने को मल-मूत्र दिया, तड़पा कर रख देगा अंजू का दर्द

अंजू को ससुराल में उल्टा लटकाया, गर्म सलाखों से दागा, खाने को मल-मूत्र दिया, तड़पा कर रख देगा अंजू का दर्द

जिगर मुरादाबादी ने जमाने पहले एक शेर लिखा था, ये इश्क नहीं आसां बस इतना समझ लीजिए, इक आग का दरिया है और डूब कर जाना है।

हालांकि शायर ने जिस वक्त अपना ये ख्याल शेर में जिस वजह से ढाला था उस समय उनका मकसद कुछ और था। उन्होंने उस वक्त ये लाइन उन आशिकों के दर्द का ख्याल करते हुए लिखी थी जिनके लिए इश्क करना किसी चुनौती से कम नहीं होती थी, मगर आज के इस दौर में इसी शेर के मायने बदल गए हैं। कम से कम वाराणसी की अंजू पांडे (Anju Pandey) और उसकी दास्तां को सुनकर वाकई जिगर मुरादाबादी का ये शेर जमीन पर उतरता नज़र आता है।

 

दर्द को बयां करती तस्वीर

तस्वीर में जो चेहरा दिख रहा है उससे भी ज्यादा दर्दनाक उस चेहरे के पीछे छुपा उसका दर्द है। ये ऐसा दर्द है जिसे सुनने वाला भी तड़प उठता है। इससे पहले इस चेहरे पर उतर आई दर्द की झुर्रियों की दास्तां हम आपको बताएं, सबसे पहले तो इस मासूम की दर्दनाक गुहार के शब्दों पर गौर करना बेहद जरूरी है।

 

अंजू को ससुराल में उल्टा लटकाया, गर्म सलाखों से दागा, खाने को मल-मूत्र दिया, तड़पा कर रख देगा अंजू का दर्द
शादी से पहले जीवन की उमंगों से भरी अंजू कुछ ऐसी थी

अपने सपनों के साथ जीने का सपना

ये अंजू पांडे है। अंजू पांडे ने अपने घरवालों की मर्जी के खिलाफ अपनी मनमर्जी से अपनी पसंद के लड़के को अपना जीवन साथी बनाया था मगर आज उसी अंजू की ये गुहार उन तमाम लड़कियों के लिए है जो अपने घरवालों की मर्जी के खिलाफ जाकर अपने जीवन के सपने देखती हैं और अपना सपनों का संसार बसाने के लिए घर से निकल पड़ती हैं।

 

तड़पती अंजू की गुहार

अंजू का कहना है, ‘ कोई भी अपने मां बाप का कहना मत टालना, कभी लव मैरिज मत करना, क्योंकि लव मैरिज से बड़ा पाप कोई नहीं है।’
उसे गर्म सलाखों से दागा, उसे उल्टा लटका कर पीटा। जब भूख लगी तो खाने को इंसानी गंदगी परोस दी, जब प्यास लगी तो पेशाब पिला दिया। ये सब कुछ इसलिए किया जा रहा था ताकि अंजू किसी तरह मौत की आगोश में चली जाए। किस्मत से अंजू ने जिंदगी की डोर को मजबूती से पकड़े रखा और किसी तरह उन जालिमों के चंगुल से निकल भागी और अब अपने मायके में बैठी इंसाफ की तरफ टकटकी लगाए देख रही है।

 

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अपने पति के साथ अंजू की आंखों ने हसीन सपने देखे थे

एक लंबी और दर्दनाक दास्तां

आखिर अंजू को ये कहने की नौबत क्यों आई। ऐसा अंजू के साथ क्या हुआ जिसने उस लड़की को प्यार जैसे पाक शब्द के साथ नफरत करने को मजबूर कर दिया। तो इसकी एक लंबी और दर्दनाक दास्तां है।

वक्त ने किया गजब का सितम

अंजू की जो हालत आप इस वक्त देख रहे हैं, अंजू हमेशा से ऐसी नहीं थी। उसकी पुरानी तस्वीरें देखकर किसी को भी यकीन नहीं होगा कि ये बेबस और बेचारी सी दिखने वाली अंजू भी कभी बाकी लड़कियों की ही तरह हंसती खेलती और अपनी जिंदगी में चांद सितारों को अपने दामन में समेटने का न सिर्फ सपना देखती थी बल्कि जमाने भर की खुशियों को अपने कदमों में बिछाने का माद्दा भी रखती थी। लेकिन वक्त का सितम देखिये, सब कुछ कर सकने में सक्षम ये अंजू आज बेबस और लाचार है।

ससुराल के लोगों ने ढाया जुल्म

इस बेहद खूबसूरत सी दिखने वाली अंजू की जिंदगी उस वक्त नर्क बन गई जब उसने अपने घरवालों की मर्जी के खिलाफ अपनी मर्जी के लड़के से शादी करने का इरादा किया था। उसकी शादी से पहले की तस्वीर और शादी के बाद की हालत को देखकर कोई भी इस बात का अंदाजा लगा सकता है कि इस मासूम ने जमाने भर के जुल्म सहे हैं। और ये जुल्म देने वाले कोई और नहीं खुद उसके पति और उसके ससुराल के लोग हैं जिन्होंने इस पर हर किस्म का कहर बरपाया।

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जख्मों से भरा है अंजू का सारा बदन

जुल्म का किस्सा सुनकर सिहर जाते हैं लोग

लव मैरिज के बाद दहेज में मायके से चार लाख रुपये न मंगवा पाने पर एक विवाहिता का जीवन उसकी ससुराल के लोगों ने नर्क सरीखा बना दिया। अंजू पांडेय ने पुलिस को बताया कि उनकी लव मैरिज हुई थी। 20 फरवरी 2018 को उसने प्रयागराज के रहने वाले संजय पांडेय नाम के शख्स के साथ सात फेरे लिए थे। लेकिन सात सालों में उसकी ऐसी हालत हो गई कि वो खुद से ही मुंह छुपाने लगी। ससुराल में ससुर कृपु पांडेय, सास ऊषा और ननद-ननदोई दहेज न मिलने की वजह से उसे न सिर्फ ताना मारते थे बल्कि जो भी हाथ में आ जाता था उससे मारने लगते थे। इतना जुल्म और सितम ढाने के बाद भी ससुराल के लोग अंजू से अपने मायके से पांच लाख रुपये मंगवाने का जोर डालते रहे। खुलासा यही है कि अंजू के ससुराल के लोग जमीन खरीद सकें।

 

दहेज की खातिर ढाया सितम

इसी मारपीट के सिलसिले के बीच 15 फरवरी 2019 को अंजू ने एक पुत्र को जन्म दिया। इसके बावजूद दहेज के लिए जुल्मों सितम का सिलसिला जारी रहा। उनके पिता ने एक लाख रुपये ससुराल वालों को दिया तो कुछ दिन तक सब ठीक रहा। लेकिन उसके बाद फिर अंजू पर जुल्म ढाए जाने लगे। गरज ये की जैसे भी हो अपने मायके से वो चार लाख रुपये और मंगवा दे।

 

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अंजू ने उन तमाम लोगों के नाम पुलिस की शिकायत में दर्ज करवाए जिन्होंने उस पर जुल्म ढाए

जिस्म और जेहन सब कुछ जख्मी

अंजू के शरीर का कोई भी ऐसा हिस्सा नहीं है जहां उसकी ससुराल वालों ने अपने जुल्म के निशान न छोड़े हों। खुद अंजू ने जब अपनी आप बीती टीवी के कैमरे पर आकर कही तो देखने और सुनने वालों के रौंगटे खड़े हो गए। अंजू जब ससुराल वालों के चंगुल से निकलकर छत को फांदकर जैसे तैसे मायके पहुँची तो उसकी हालत देखकर खुद उसकी मां और पिता उसे पहचान नहीं सके थे।

 

पढ़ी लिखी अंजू को अब इंसाफ चाहिए

बीएड तक पढ़ाई करने वाली अंजू अब पूरी तरह से तन्हा है। उसके बच्चे भी उसके पति के पास हैं। अपने ससुरालवालों का नाम सुनकर बुरी तरह से सहमने वाली अंजू की एक शिकायत पुलिस से भी है। अंजू का कहना है कि पुलिस ने उसकी गुहार को नज़र अंदाज कर दिया। हालांकि ससुराल से भाग कर अंजू जब अपने मायके पहुंची तब उसने पुलिस कमिश्नर से मिलकर अपनी गुहार सुनाई। वाराणसी के पास ढेलवरिया की रहने वाली अंजू पांडेय की तहरीर के आधार पर जैतपुरा थाने में नई बस्ती लहरतारा के रहने वाले उसके पति संजय पांडेय, ससुर कृपु पांडेय, सास ऊषा पांडेय, ननद खुशबू पांडेय, पूना पांडेय व प्रियंका पांडेय और ननदोई दीपक पांडेय व संजीव पांडेय के खिलाफ दहेज उत्पीड़न समेत कई संगीन आरोपों में मुकदमा दर्ज करवाया।  इतना ही नहीं अंजू को अब ये कहने में जरा भी हिचक नहीं होती कि उसके ससुरालवालों का वही हाल होना चाहिए जो उन सबने मिलकर उसका हाल किया है। उन्हें भी वैसे ही तड़पाया जाए। उन्हें भी वैसे ही मारा जाए, और उन्हें भी गर्म सलाखों से दागा जाए।

 

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अंजू की ये ऐसी दर्दनाक दास्तां है जिसे सुनकर हर प्यार करने वाला सिहर सकता है

पति का नाम सुनकर सिहर जाती है

जिस संजय पांडे को वो दिलो जान से चाहती थी अब उसी संजय पांडे का नाम सुनते ही उसकी आंखों में गुस्से और नफरत की आग साफ नज़र आने लगती है। कई महीनों तक अस्पताल में अपना इलाज करवाने के बाद अब अंजू की बस एक ही चाहत है 26 साल की हो चुकी अंजू के लिए ये जिंदगी करीब करीब नर्क बन चुकी है। फिलहाल उसका एक ही मकसद है कि जैसे भी हो उसकी जिंदगी को तबाह करने वालों को उनके अंजाम तक पहुंचाना और इसके लिए अंजू लगातार कानून की चौखट पर गुहार लगा रही है। अंजू की मां अब सारा दिन अपनी बेटी की हालत देखकर रोती रहती है। उनकी भी यही गुहार है कि जैसे भी हो उन दरिंदों को सख्त से सख्त सजा दी जाए।

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