बिलासपुर हादसे में हुई 16 लोगों की मौत, पीड़ित परिवारों के लिए 4-4 लाख मुआवजे का ऐलान


बिलासपुर ; हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में सोमवार शाम लगभग 6 बजे बड़ा सड़क हादसा हुआ, जिसमें एक बस मलबे में दब जाने से 16 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई. दो बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है. बस में कुल 18 लोग सवार थे. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हादसे पर गहरा शोक जताया है और मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है.

रेस्क्यू ऑपरेशन और हादसे का कारण
मुख्यमंत्री ने बताया कि 15 लोगों के शव बीते शाम निकाल लिए गए थे, जबकि एक बच्चे का शव सुबह निकाला गया है. बस पूरी तरह से मलबे में दब गई थी और रातभर रेस्क्यू चलाया गया.

सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश और भूस्खलन की घटनाएं हो रही हैं. “30 जून के बाद से हिमाचल का मौसम बदल गया है, मिट्टी गीली हो चुकी है और अक्टूबर तक बारिश जारी है. बारिश के बाद धूप निकलने से पहाड़ों पर दबाव बनता है और फिर बारिश होते ही भूस्खलन हो जाता है. यही इस हादसे का कारण बना.”

सरकार सड़क की स्थिति और संभावित ब्लैक स्पॉट्स की जांच करवा रही है. यदि हादसे के पीछे किसी की लापरवाही पाई गई, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री ने बताया कि उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री को रात में ही मौके पर भेजा गया था, जबकि मंत्री राजेश धर्माणी दिल्ली से कार्यक्रम रद्द कर वापस लौट आए हैं.

मुख्यमंत्री का विपक्ष पर निशाना
मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर भी निशाना साधते हुए कहा कि बिलासपुर हादसे पर राजनीति करना अनुचित है. भाजपा की मानसिकता किसान और पशुपालक विरोधी है.

सरकार ने हाल ही में 36 करोड़ रुपये का डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) कार्यक्रम चलाया जिससे दूध उत्पादकों और पशुपालकों को लाभ मिला, लेकिन भाजपा इसे भी बदनाम करने में लगी है. अर्की विधानसभा क्षेत्र में आयोजित इस कार्यक्रम में 15 हजार से अधिक महिलाएं शामिल हुईं, जिन्हें दूध के बढ़े हुए दाम का लाभ सीधे खाते में मिला.

भाजपा कार्यकर्ताओं ने जानबूझकर एबीवीपी के छात्र नेताओं को कार्यक्रम में भेजा और नारेबाजी करवाई. सरकार ने गुमनाम लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है ताकि उन शरारती तत्वों का पता लगाया जा सके. मुख्यमंत्री ने बताया कि इस साल मानसून के दौरान प्रदेश में अब तक 7000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है. केंद्र सरकार से मांगा गया 1500 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज अभी तक नहीं मिला है.

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