Ajab GazabDharamIndia

मुस्लिम शासको ने अनेक भारतीय मंदिर तोड़ दिए लेकिन एक मंदिर को न तोड़ सके | जानिए कारण…

मुस्लिम शासको ने अनेक भारतीय मंदिर तोड़ दिए लेकिन एक मंदिर को न तोड़ सके | जानिए कारण…

मुस्लिम शासको ने अनेक भारतीय मंदिर तोड़ दिए लेकिन एक मंदिर को न तोड़ सके | जानिए कारण…

भारत में कई ऐसे मंदिर थे जो मुस्लिम शासको द्वारा तोड़े गए है लेकिन भारत में एक मंदिर ऐसा भी मंदिर है जिसे मुस्लिम शासक तोड़ने के लिए तो जाते थे मगर उसे देखकर वापस आ जाते थे | 

मुस्लिम शासको ने अनेक भारतीय मंदिर तोड़ दिए लेकिन एक मंदिर को न तोड़ सके | जानिए कारण…

जी हाँ आपको यह जानकर ताज्जुब होगा की मुग़ल काल के दौरान मुग़ल शासक औरंगजेब ने पुरे भारत के मंदिर तुड़वाने का फैसला किया था | औरंगजेब ने भारत के कई प्रमुख मंदिरों को तुड़वाया था | जिसमे प्रमुख मथुरा में श्री केशवराय जी का मंदिर, गुजरात का सोमनाथ का मंदिर आते है लेकिन औरंगजेब भी राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में स्थित विजय स्तम्भ को नहीं तोड़ पाया था |

यह वास्तविकता में एक मंदिर न होकर एक इमारत है जिसका निर्माण चित्तौड़गढ़ के राजा राणा सांगा ने मालवा के शासक पर विजय के उपलक्ष में करवाया था | इसे विजय का प्रतिक माना जाता है | इस स्तम्भ में 9 मंजिले थी जिनमे से दो मंजिल बिजली गिरने से टूट गयी थी | इनमे से एक मंजिल का पुनः निर्माण करवाया गया था | इसकी प्रथम मंजिल पर भगवान श्री हरि विष्णु जी की मूर्ति है इसलिए इसे विष्णुध्वजगढ़ भी कहते है | 

एक ही स्थान पर हिन्दू देवी देवताओं की बहुत अधिक मूर्तियां है इसलिए इसे हिन्दू देवी देवताओं की मूर्तिकला का विश्वकोष भी कहते है | इसकी तीसरी मंजिल पर अरबी भाषा में तीन बार अल्हा लिखा हुआ है यही कारण है की मुस्लिम शासको ने इसे नहीं तुड़वाया और न ही किसी हिन्दू देवी देवताओ की मूर्तियों को क्षतिग्रस्त किया है | वैसे ज्यादातर हिन्दू देवी देवताओ की मूर्तियों को मुस्लिम शासको ने क्षतिग्रस्त करवा दिया था |

इसका निर्माण किसी मंदिर की भांति न होकर एक इमारत की  तरह करवाया गया है | यह भी एक वजह है की इसे नहीं तुड़वाया गया था | राजस्थान में अंगेजो के (1822) के पोलिटिकल एजेंट कर्नल जेम्स टॉड ने अपनी पुस्तक “द जर्नी ऑफ़ वेस्टर्न राजपूत स्टेट्स ऑफ़ इंडिया” में इसे विक्ट्री टावर की संज्ञा दी थी | इस इमारत पर डाक टिकट भी जारी किया जा चूका है | इस इमारत को राजस्थान पुलिस और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ( अजमेर ) ने इसे अपने स्लोगन के रूप में अपनाया है | हाल ही में इसके सीढ़ियों में फिसलन होने के कारण इसमें दुर्घटना से बचने के लिए इसे बंद कर दिया गया है | विजय स्तम्भ के बारे में ऐसा कहा जाता है की चित्तौड़गढ़ जिले के किसी भी स्थान से आप इसे देख सकते है | इसे भी जरूर पढ़ें –

himachalikhabar
the authorhimachalikhabar

Leave a Reply