नई दिल्ली। सरकार ने केंद्र और राज्यों के 90 लाख कर्मचारियों के हित में शनिवार को एक बड़ा एलान किया। ओपीएस और एनपीएस के मसले पर कर्मचारी संगठनों से रार के बीच सरकार यूपीएस यानी एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) लेकर आई है। सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को बताया कि यूपीएस को कैबिनेट ने हरी झंडी दिखा दी है।
सरकार की नई एकीकृत पेंशन योजना योजना 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी। यह स्कीम क्या है? पेंशन एरियर और उस पर ब्याज भुगतान की क्या व्यवस्था है? एरियर की गणना कैसे होगी? आइए जानते हैं यूपीएस से जुड़े हर अहम सवाल का जवाब?
1. क्या है एकीकृत पेंशन योजना यानी यूपीएस?
यूपीएस यानी एकीकृत पेंशन योजना अपनाने पर कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद सुनिश्चित पेंशन मिलेगी। इसकी रकम सेवानिवृत्ति से पहले के 12 महीने के औसत मूल वेतन का 50 फीसदी होगी। 25 वर्ष तक की सेवा पर ही यह रकम मिलेगी। 25 वर्ष से कम और 10 साल से ज्यादा की सेवा पर उसके अनुपात में पेंशन मिलेगी। किसी भी कर्मचारी के निधन से पहले पेंशन की कुल रकम का 60 फीसदी हिस्सा परिवार को मिलेगा।
2. क्या 10 साल की सेवा के बाद भी पेंशन मिलेगी?
इसका जवाब है हां, कम से कम 10 साल की सेवा के बाद 10 हजार रुपये प्रतिमाह की न्यूनतम पेंशन सुनिश्चित होगी। महंगाई भत्तों को जोड़कर आज के हिसाब से यह रकम 15 हजार रुपये के आसपास होगी।
3. क्या महंगाई दर के साथ इंडेक्सेशन की सुविधा मिलेगी?
हां, उपरोक्त तीनों तरह की पेंशन यानी सुनिश्चित पेंशन, पारिवारिक पेंशन और न्यूनतम पेंशन के मामलों में महंगाई राहत यानी DR के आधार पर इनफ्लेशन इंडेक्सेशन मिलेगा।
4. क्या सेवानिवृत्ति पर ग्रेच्युटी के अतिरिक्त एकमुश्त भुगतान का भी लाभ मिलेगा?
हां, सेवानिवृत्ति पर ग्रेच्युटी के अतिरिक्त एकमुश्त भुगतान का लाभ मिलेगा। छह महीने की सेवा के लिए (वेतन+डीए) की 10 फीसदी रकम का एकमुश्त भुगतान होगा। यानी अगर किसी की 30 साल की सर्विस है तो उसे छह महीने की सेवा के आधार पर एकमुश्त भुगतान (इमॉल्यूमेंट) होगा।
5. क्या राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी मिलेगा यूपीएस का लाभ?
हां, 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों के अलावा राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी एकीकृत पेंशन का लाभ मिल सकेगा। यदि राज्य सरकार इसे अपनाने का फैसला लेते हैं तो। यानी राज्य सरकारें भी इस संरचना को चुन सकती है। अगर राज्य सरकार के कर्मचारी इसमें शामिल होते हैं तो 90 लाख कर्मियों को इसका फायदा मिलेगा।
6. क्या बढ़े पेंशन का भार पेंशनधारकों पर पड़ेगा?
इस सवाल का जवाब है नहीं। पेंशन मद में सरकार का योगदान बढ़ने या एरियर भुगतान के बावजूद कर्मचारियों पर कोई भार नहीं पड़ेगा। 10 वर्ष पहले तक कर्मचारी और सरकार 10-10 फीसदी का योगदान देते हैं। हमारी सरकार ने योगदान बढ़ाकर 14 फीसदी कर दिया था। यह अपने आप में बड़ा कदम था। अब केंद्र सरकार का योगदान बढ़कर 18.5 फीसदी हो जाएगा। यह स्कीम 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी।
7. क्या यूपीएस का लाभ पहले से सेवानिवृत कर्मचारियों को भी मिलेगा फायदा?
हां, वित्त सचिव डॉ. टीवी सोमनाथन ने कहा कि जो कर्मचारी 2004 से अब तक और आगे 31 मार्च 2025 तक सेवानिवृत्त होंगे, वे भी यूपीएस के पांच बिंदुओं का फायदा ले सकेंगे। उन्हें एरियर्स भी मिलेंगे। जो राशि उन्हें मिल चुकी है, उसमें से नई गणना के मुताबिक रकम एडजस्ट होगी। एरियर्स के लिए 800 करोड़ रुपये रखे गए हैं। यह योजना पूरी तरह वित्त पोषित है। केंद्र का पेंशन में जो योगदान बढ़ेगा, उसके अतिरिक्त भार को वहन के लिए वार्षिक आधार पर 6250 करोड़ रुपये रखे गए हैं।
8. पेंशन पर एरियर्स की गणना कैसे होगी?
वित्त सचिव डॉ. टीवी सोमनाथन ने कहा कि 2004 से अब तक 20 साल का वक्त गुजरा है। इस दौरान एनपीएस के तहत सेवानिवृत्त होने वाले कर्मियों की संख्या अपेक्षाकृत कम है। इनका पूरा रिकॉर्ड हमारे पास है। वे कब सेवा में आए, कब वे सेवानिवृत्त हुए, तब उन्हें रकम कितनी मिली है, यह सारी जानकारी हमारे पास है।
9. क्या एरियर्स पर ब्याज भी मिलेगा?
हां, पेंशन की बकाया राशि यानी एरियर्स पर सरकार ब्याज का भी भुगतान करेगी। अगर वे यूपीएस चुनते हैं तो उन्हें गणना के मुताबिक ब्याज जोड़कर जितना एरियर्स बनेगा, उतना दिया जाएगा।
10. एरियर्स पर कितना ब्याज मिलेगा?
डॉ. सोमनाथन के अनुसार, अगर पहले सेवानिवृत्त हो चुके कर्मचारी यूपीएस अपनाते हैं और अगर नए सिरे से गणना के बाद उनका कोई एरियर्स बनता है तो उस एरियर पर पीपीएफ की दरों के हिसाब से ब्याज मिलेगा।
11. क्या बार-बार पेंशन योजना का विकल्प बदला जा सकेगा?
इसका जवाब है- नहीं। सेवानिवृत्त हो चुके कर्मी एक बार ही चुन सकेंगे कि वे एनपीएस चाहते हैं या यूपीएस। वे बाद में अपना विकल्प नहीं बदल सकते।
12. वीआरएस के मामलों में क्या होगा?
स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति के मामलों में अगर यूपीएस अपनाते हैं तो 25 साल की सेवा का प्रावधान लागू होगा, लेकिन पेंशन वीआरएस की तारीख से नहीं, बल्कि सुपर एन्यूशन से शुरू होगी। इसे भी जरूर पढ़ें –