उसे बेंगलुरु जाना था। महिला के साथ में एक पुरुष भी था। महिला ने सुरक्षा एजेंसियों को पार करते हुए बोर्डिंग पास हासिल कर लिया। इसके बाद एयरलाइन के कर्मचारियों को उस पर शक होने लगा। फिर कर्मचारी उस पर लगातार अपनी निगाहें टिकाए हुए थे। कर्मचारियों ने शक होने पर CISF क इसकी जानकारी दी। फिर पुलिस को सूचना दी गई। इसके बाद पूछताछ में जो मामला सामने आया, उसे जानकर आपके पैरों तले जमीन धंस जाएगी।
दरअसल, महिला बच्चे को लेकर टहल रही थी। 6 दिन के बच्चे को महिला बॉटल से दूध पिला रही थी। ऐसे में एयरलाइंस के कर्मचारियों को कुछ शक हुआ। उसके उठने-बैठने का तरीका भी कुछ अलग था। जिससे शक सुई पुख्ता होती चली गई। इसके बाद एक के बाद एक परतें खुलती चली गई। महिला उड़ान भरने से पहले हवालात पहुंच गई।
जानिए क्या है पूरा मामला
यह पूरा मामला मानव तस्करी से जुड़ा हुआ है। महिला बच्चा खरीदने और बेचने का काम करती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वाराणसी से सटे चंदौली के दुल्हीपुर इलाके में केबी हॉस्पिटल है। इस अस्पताल का मालिक जमील खान बच्चों की खरीद-फरोख्त से जुड़ा हुआ है। जमील अपने आपको डॉक्टर बताता है। महिला ने इसी अस्पताल से 50,000 रुपये में बच्चा खरीदा था। डॉक्टर ने उसका बर्थ सार्टिफिकेट भी जारी किया था। पुलिस ने जमील, महिला और उसके साथ एयरपोर्ट आए पुरुष- (अशोक पटेल) को गिरफ्तार कर लिया है। पकड़ी गई महिला का नाम निधि बताया जा रहा है। पुलिस की पूछताछ में महिला ने बताया कि उसे कैसे इस अस्पताल से बच्चे को खरीदा था। महिला बच्चे को लेकर बेंगलुरु जा रही थी।
7 दिन से कम उम्र का बच्चा नहीं कर सकता हवाई सफर
एयरपोर्ट अधिकारियों ने बताया कि नियमानुसार 7 दिन से कम का नवजात हवाई यात्रा नहीं कर सकता है। एयरलाइंस काउंटर पर जांच के समय बर्थ सर्टिफिकेट में नवजात का नाम रुद्रांश सिंह लिखा है। उसकी उम्र 6 दिन दर्ज है। महिला और उसके साथ सफर कर रहे शख्स के नाम अलग-अलग थे। महिला बच्चे को दूध भी बोतल से पिला रही थी। एयरलाइंस कर्मियों ने इसकी सूचना उच्चाधिकारियों के साथ पुलिस को दी। फिलहाल पुलिस ने बच्चे को बाल सुधार गृह भेज दिया है। इसके साथ ही महिला, उसके साथ पुरुष और डॉक्टर को जेल भेज दिया है।