लोगों का बेहतरीन मार्गदर्शन करने वाले आचार्य चाणक्य का मानना है कि महिलाएं ही परिवार की इज्ज़त होती हैं। उन्होंने अपनी नीतियों में खुलकर बताया है कि चरित्रहीन महिलाएं परिवार के अलावा समाज के लिए भी घातक होती हैं। आचार्य का मानना है कि महिलाएं हमारे समाज में पूजनीय होती हैं। उन्होंने महिलाओँ को देवी का भी दर्जा दिया हैं, लेकिन कुछ महिलाएं ऐसी होती हैं,जिन्हें एक पुरष से प्यार करना नही आता हैं और वे दूसरे मर्द की तरफ अधिक आकर्षित होती हैं। उन्होंने अपनी पुस्तक में कैरेक्टरलेस महिलाओँ की पहचान बताई है।
आचार्य चाणक्य ने बताया है कि ऐसे कई तरीके हैं जिससे महिलाओं के आचरण के बारे में पता लगाया जा सकता है। उनके शरीर और चेहरों पर कुछ लक्षण पाए जाते हैं। इसके अलावा पति के लिए अशुभ औरत का भी आसानी के साथ पता लगाया जा सकता है।
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चरित्रहीन के मुख्य लक्षण
चरित्रहीन महिलाओं की जुबान पर तालमेल नहीं बन पाता है। ऐसी महिलाएं बोलने में कुछ, जबकि अंदर से कुछ होती हैं। चरित्रहीन महिला को एक से अधिक पुरुषों से संबध बनाने में शर्म भी नहीं आती है, वो महिलाएं, जो अपने प्रेम जाल में कई लोगों का फंसा कर रखती हैं, ऐसी महिलाएं काफी ज्यादा शातिर होती हैं।
शारीरिक पहचान
चाणक्य नीति के अनुसार चरित्रहीन महिला की शारीरिक पहचान भी होती हैं, जिस नारी के पैर की कनिष्ठा अंगुली या उसके हाथ वाली अंगुली ज़मीन को सपर्श न करती हो और अंगुठी की साथ वाली उंगली अंगूठे से अधिक लंबी हो, इस प्रकार की स्त्रियां समय के अनुसार अपना चरित्र बदल लेती हैं। इसके अलावा ऐसी महिलाएं काफी क्रोधित होती हैं और इन पर काबू रखना काफी कठिन हो जाता है। इसके अलावा महिला का पेट अगर घड़ी की तरह होता या अधिक गद्देदार होता है तो ऐसी महिलाएं खराब किस्मत वाली होती हैं।
ऐसी महिलाएं होती हैं अशुभ
चाणक्य अपने श्लोक में बताते हैं कि जिन महिलाओं के होठ को ऊपर अधिक बाल होता है। ऐसी महिलाएं अशुभ मानी जाती हैं। इसके अलावा जिन महिलाओँ के कान में अधिक बाल होता हैं. मोटे लंबे और चौड़े दांत जो बाहर निकलते हैं, मसूड़े काले होते हैं, ऐसी महिलाएं अशुभ मानी जाती हैं।
वहीं ऐसी महिलाएं जिनकी हथेली पर मांसाहारी पक्षी या पशु जैसे कौआ, उल्लू सांप, भेड़िया इनकी तरह दिखने वाला चित्र होता है तो ऐसी महिलाएं दुख का कारण बनती हैं।