उत्तर प्रदेश में लगातार दो बार सरकार बनाने के बाद भाजपा और योगी सरकार के सामने सबसे बड़ा यक्ष प्रश्न है कि क्या पार्टी हैट्रिक लगा पाएगी. सपा प्रमुख अखिलेश यादव पहले से ही कुलांचे भर रहे हैं कि इस बार उनकी बारी है और इस बार उन्हें सत्ता में आने से कोई नहीं रोक पाएगा. भगवा पार्टी के दस साल सत्ता में रहने के बाद लोगों में नाराजगी भी उभरेगी जो चुनाव में जनप्रतिनिधियों के खिलाफ बाहर आ सकती है.
यूपी में हैट्रिक की चुनौती
इसी डर से पार्टी ने 2027 विधानसभा चुनाव से दो साल पहले ही तैयारी शुरू कर दी है. इस चुनाव में टिकटों के बंटवारे पर काफी हद तक हार जीत तय होगी लिहाजा पार्टी ने तय किया है कि विधायकों का ऑडिट कराया जाएगा और इसकी जिम्मेदारी सरकार को दे दी गई है. बताया जा रहा है कि सरकार ने कुछ एजेंसियों को काम पर लगा दिया है और एजेंसियों ने चुपचाप इस पर काम भी शुरू कर दिया है.
यूपी में भाजपा विधायकों का होगा ऑडिट
सूत्रों के मुताबिक विधायकों के कामकाज और जनता के बीच उनकी छवि का ऑडिट कराने के साथ ही सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों में क्या सामाजिक व राजनीतिक समीकरण है उसको लेकर भी सर्वे होगा. सर्वे में जो आंकड़े मिलेंगे उसका एक डेटा बैंक तैयार किया जाएगा और जब जिला स्तर से पैनल में नाम आएगा तो देखा जाएगा कि कौन दावेदार डेटा के खांचे में फिट बैठता है.
विधायकों की बनेंगी तीन श्रेणियां
सर्वे में विधायकों की छवि का आकलन तीन श्रेणियों A, B और C में किया जाएगा. इसमें विधायकों को नंबर दिये जाएंगे और उसी हिसाब से वे अलग अलग श्रेणियों में सूचीबद्ध हो जाएंगे. सर्वाधिक अंक पाने वाले विधायक को ए श्रेणी में रखा जएगा, उससे कम नंबर पाने वाले को B श्रेणी में और सबसे कम नंबर पाने वाले को C श्रेणी में रखा जाएगा. एजेंसियां जो रिपोर्ट देंगी उसे पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को भेज दिया जाएगा.
इन प्वाइंटस पर होगा ऑडिट
• पहली और दूसरी बार के विधायकों कार्य प्रगति रिपोर्ट कैसी है.
• क्षेत्र में विकास निधि से जो काम हुए हैं उससे लोग कितने संतुष्ट हैं.
• जनसमस्याओं के निस्तारण में विधायक जी कितने सक्रिय रहे.
• जो पिछला चुनाव कम अंतर से जीता उसके क्या कारण रहे.
• आम लोग अपने जनप्रतिनिधि को किस नजरिए से देखते हैं.
• विधायक जी के विधानसभा चुनाव 2027 जीतने की कितनी संभावना है.
• भाजपा विधायक के खिलाफ कौन कौन से विरोधी उम्मीदवार हो सकते हैं.
• विपक्ष से कौन मैदान में उतरेगा तो उसके क्या सकारात्मक और नकारात्मक पहलू होंगे.
• किस पार्टी को लेकर लोग क्या सोच रहे हैं, दूसरे को पसंद करने के क्या कारण हैं.
लोगों में नाराजगी दिखी, टिकट कटा
बताया जा रहा है कि इस ऑडिट के आधार पर कई काफी संख्या में मौजूदा विधायकों के टिकट कटेंगे. उन पर ज्यादा खतरा मंडरा रहा है जो दो बार या तीन बार या उससे अधिक समय से विधायक हैं. जो लंबे समय से प्रतिनिधित्व कर रहा है उसको लेकर जनता में नाराजगी की संभावना ज्यादा रहती है.
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