8th Pay Commission : केंद्र सरकार के कर्मचारी बहुत दिनों से आठवें वेतन आयोग (Eighth Pay Commission) के गठन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। सरकार भी अब इस आयोग को जल्द ही बनाने की तैयारी में है। फिलहाल आठवें वेतन आयोग के संदर्भ शर्तें (Terms of Reference) और कार्यादेश तैयार करने का काम चल रहा है, जिसके बाद आयोग का औपचारिक गठन किया जाएगा।
कर्मचारियों की उम्मीद है कि इस बार वेतन में पहले से अधिक बढ़ोतरी हो सकती है। इस लेख के माध्यम से हम आपको आठवें वेतन आयोग से जुड़ी ताज़ा जानकारी देते हैं।
फिटमेंट फैक्टर कितना हो सकता है?
आठवें वेतन आयोग की सैलरी वृद्धि का मुख्य आधार फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) होगा। खबरों के मुताबिक यह फैक्टर 1.90 से 1.95 के बीच रह सकता है। जनवरी में आयोग की घोषणा के बाद इसके अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।
कुछ कर्मचारी संगठन मानते हैं कि इस बार फिटमेंट फैक्टर 2.86 तक जा सकता है। उनका तर्क है कि बढ़ती महंगाई को देखते हुए सरकार इस बार अधिक वेतन वृद्धि कर सकती है।
फिटमेंट फैक्टर से सैलरी का कैलकुलेशन
फिटमेंट फैक्टर एक गुणक होता है, जिससे मूल वेतन को बढ़ाया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी का मूल वेतन 20,000 रुपये है और फिटमेंट फैक्टर 2.86 है, तो उसका नया वेतन 20,000 × 2.86 = 57,200 रुपये होगा। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार फिटमेंट फैक्टर 2.0 से नीचे रहेगा और सरकार करीब 1.90 से 1.95 के बीच फिटमेंट फैक्टर लागू कर सकती है।
इसके अलावा कुछ सूत्र यह भी बताते हैं कि इस बार फिटमेंट फैक्टर को कम रखा जा सकता है ताकि महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) को अलग से समायोजित किया जा सके।
पिछले वेतन आयोगों में वेतन वृद्धि का रुझान
छठे वेतन आयोग (6th Pay Commission) जो 2006 में लागू हुआ था, उसमें फिटमेंट फैक्टर 1.86 था। इसके बाद 2016 में सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के तहत यह 2.57 पर पहुंचा। हालांकि, सातवें आयोग के फिटमेंट फैक्टर के बावजूद वेतन वृद्धि केवल 14.2 प्रतिशत रही, क्योंकि ज्यादातर बढ़ोतरी महंगाई भत्ते में समाहित हो गई।
छठे वेतन आयोग के समय बेसिक सैलरी में लगभग 54 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी, जो कर्मचारियों के लिए काफी फायदेमंद साबित हुई थी।
आठवें वेतन आयोग कब लागू होगा?
सरकार ने जनवरी में आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी तो दे दी है, लेकिन अभी तक इसका औपचारिक गठन नहीं हुआ है। अनुमान है कि 2027 तक आयोग की सिफारिशें लागू हो सकती हैं। पुराने अनुभवों से पता चलता है कि आयोग के गठन के बाद रिपोर्ट तैयार होने में करीब 18 से 26 महीने लगते हैं।
छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट 18 महीने में आई थी, जबकि सातवें वेतन आयोग की अंतिम रिपोर्ट बनने में लगभग 2 साल लगे थे। इस आधार पर माना जा रहा है कि आठवें वेतन आयोग की रिपोर्ट आने में भी थोड़ा समय लग सकता है।
लेटर ऑफ रेफरेंस क्या है?
लेटर ऑफ रेफरेंस (Letter of Reference) एक तरह का अनुशंसा पत्र होता है, जिसमें किसी विषय से जुड़े संदर्भ और शर्तें निर्धारित की जाती हैं। वेतन आयोग के गठन के लिए भी एक अनुशंसा पत्र जारी किया जाता है, जिसमें आयोग की जिम्मेदारियां और उसकी कार्य सीमा तय होती है।