Ajab GazabDharamIndia

Chanakya Niti: जिन लोगों में होती है ऐसी आदत उससे हमेशा रहें सतर्क, वरना दे सकता है धोखा!!

Chanakya Niti: जिन लोगों में होती है ऐसी आदत उससे हमेशा रहें सतर्क, वरना दे सकता है धोखा!!

दुनिया में कोई ऐसा विषय नहीं है, जिसके बारे में आचार्य चाणक्य ने बताया न हो। छल कपट की इस दुनिया में दूसरे व्यक्ति पर तो दूर अपने दोस्त पर भी 100 फीसदी यकीन कर पाना मुश्किल है। वक्त आने पर दोस्त भी धोखा दे जाते हैं। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि हम जिस तरह से शुद्ध सोने को पहचानने के लिए उसे घिसने के साथ आग में गर्म करते हैं वैसे ही सच्चे दोस्त को आप पल भर में पहचान सकते हैं।

Chanakya Niti: जिन लोगों में होती है ऐसी आदत उससे हमेशा रहें सतर्क, वरना दे सकता है धोखा!!

आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में बताया है कि आप इंसान का असली चेहरा कैसे पहचान सकते हैं। अगर आप भी इसके बारे में जानना चाहते हैं तो यह आर्टिकल पूरा पढ़िए, क्योंकि आगे हमने इसकी संपूर्ण जानकारी दी है :-

ऐसे लोग करते हैं विश्वासघात

आचार्य चाणक्य ने कहा है कि जिस तरह मां सीता ने भगवान राम का साथ दिया। उनके महारानी होने के बाद भी वनवास झेला। वो एक शानदार पत्नी थी, हालांकि आजकल की दुनिया में अगर पति का धन खत्म हो जाता है तो पत्नि छोड़कर भाग जाती है।

मीठी बात करने वाले इंसान से रहें दूर

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो इंसान अपने माता पिता से झूठ बोलता हैं उनके उपर कभी भरोसा न करें। ऐसे लोग केवल मुंह पर मीठी बात करते हैं और आपकी बर्बादी के रास्ते तराशते हैं।

हर कुछ त्यागने वाले लोग

उन्होंने बताया है कि आपका सच्चा साथी वही होगा, जो आपके लिए सबकुछ त्यागने को तैयार हो जाए। जैसे मधुमक्खी मोटी लकड़ी को भेद सकती हैं, जबकि वह कमल के अंदर बिल्कुल ही शांत हो जाती है।

गंदे दिमाग वालों से बनाए दूरी

आचार्य चाणक्य ने उदाहरण देते हुए बताया है कि जिस तरह चंदन की लकड़ी को अलग अलग टुकड़ों में करने से उसकी महक कम नहीं होती हैं। गन्ने को बार-बार निचोड़ने से उसकी मीठास खत्म नहीं होती। ठीक वैसे ही ज्ञानी आदमी के जीवन में कितनी भी समस्या हो जाए। वे आपके साथ खराब व्यवहार नहीं करेगा। उन्होंने कहा है कि शराब का बर्तन में उपयोग कर और बाद में धोने के बाद भी उसकी बदबू नहीं जाती है। ठीक वैसे ही गंदे दिमाग वाला आदमी बदला नहीं जा सकता।

इसे भी जरूर पढ़ें –

चरित्रवान मनुष्य दूर से दिखते हैं

आचार्य चाणक्य ने कहा है कि, जिस तरह दूर से कीचड़ में खिला कमल दिख जाता है वैसे ही चरित्रवाण मनुष्य दूर से दिख जाता है। उनकी बात करने का लहजा से ही पता चल जाता है।

Leave a Reply