पिंडदान की तिथि में इस साल है अंतर, सिर्फ इतने दिन ही होगा पिंडदान!!

पिंडदान की तिथि में इस साल है अंतर, सिर्फ इतने दिन ही होगा पिंडदान!!

आपको पता होगा ही की हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का काफी ज्यादा महत्व है। इस विशेष समय पर बड़ी संख्या में हिंदू लोग अपने पूर्वजों के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं तथा उनके मोक्ष था संतुष्टी के लिए पिंड दान करते हैं। बता दें की बिहार के गया में लगने वाला पितृ पक्ष मेला मात्र 19 दिन बाद शुरू होने वाला है। 17 सितंबर को राजकीय उदघाटन के बाद में देश के विभिन्न हिस्सों से पिंडदान करने वाले लोगों आवागमन गयाजी में प्रारंभ हो जाएगा।

एक ही तिथि को होगा दो दिन का पिंडदानतिथियों में इस बार है अंतरप्रेतशिला पर होगी भीड़

एक ही तिथि को होगा दो दिन का पिंडदान

जानकारी दे दें की 17 सितंबर से पटना जिले की पुनपुन नदी या गोदावरी तालाब से प्रारंभ हो जाएंगे। लेकिन दूसरे दिन यानि 18 सितंबर को पूर्णिमा तथा प्रतिपदा एक ही दिन होने से दोनों दिनों का पिंडदान भादो पूर्णिमा को होगा। बता दें की त्रिपाक्षिक श्राद्ध करने वाले लोग इस साल 17 के स्थान पर 16 दिन ही श्राद्ध कर पाएंगे। गया में 18 सितंबर से त्रिपाक्षिक श्राद्ध का प्रारंभ हो जाएगा। इसके बाद में 2 अक्टूवर को पितृ मेले का समापन हो जाएगा।

तिथियों में इस बार है अंतर

इस बारे में आचार्य नवीन चंद्र का कहना है की इस बार पिंड दान की तिथियों में अंतर है। बता दें की इस बार पितृ पक्ष पखवाड़ा 15 के स्थान पर 14 दिन तथा त्रिपाक्षिक श्राद्ध 17 के स्थान पर 16 दिन का होगा। इस बार भादो पूर्णिमा तथा अश्विन कृष्ण पक्ष प्रतिपदा एक ही दिन यानि 18 सितंबर को है। बताया जा रहा है की 17 सितंबर को श्राद्ध मेले का उदघाटन होगा। इसी दिन पुनपुन पिंडदान का विधान भी है।इसे भी जरूर पढ़ें –

प्रेतशिला पर होगी भीड़

गयाजी में पूर्णिमा तथा प्रतिपदा एक ही दिन होने पर 18 सितंबर को ही फल्गु तर्पण तथा प्रेत शिला पिंडदान का विधान है। 18 फल्गु में पिंड दान करने वाले लोगों की काफी ज्यादा भीड़ रहेगी। बता दें की प्रेतशिला के साथ ही ब्रह्म कुंड, राम शिला आदि स्थानों पर पिंड दान करने का विधान है। 2 अक्टूवर को अक्षयवट में शैयादान तथा पंडाजी से सुफल लेने के साथ ही श्राद्ध संपन्न होगा।

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