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इन दिन से शुरू हो रहे है श्राद्ध, गलती से भी ना करें ये काम, वरना भुगतना होगा अंजाम

इन दिन से शुरू हो रहे है श्राद्ध, गलती से भी ना करें ये काम, वरना भुगतना होगा अंजाम

 

इन दिन से शुरू हो रहे है श्राद्ध, गलती से भी ना करें ये काम, वरना भुगतना होगा अंजाम

Pitru Paksha 2024 : कहते हैं प्रेम और भगवान के साक्षात का कोई प्रमाण नहीं हैं. ये तो सिर्फ आस्था का विषय है. कुछ ऐसी ही धारणा पितरों की मुक्ति दिलाने वाले लोगों ने बनाई है. ऐसा माना जाता है कि पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2024) में दान, पुण्य करने से परिवार के पितरों को मुक्ति मिलती है और वो हमें सम्पन्न रहने का आशीर्वाद देकर जाते हैं. भारत में 7 जगहें हैं जहां पर पिंडदान करके श्राद्ध करके पितरों को मुक्ति दी जा सकती हैं. उन साथ जगहों में उत्तर प्रदेश का काशी और प्रयागराज, बिहार में स्थित गया, उत्तराखंड में शांतिकुंज और बद्रीनाथ, मध्य प्रदेश में उज्जैन और गुजरात में द्वारिका वो जगहें हैं जहां पर पितरों से मुक्ति मिलती हैं.

Pitru Paksha 2024 : जानिए पितृ पक्ष कब से शुरू हो रहे हैं

Pitru Paksha 2024

इन जगहों पर पिंडदान करने से पितरों को मुक्ति मिलती है. हम सभी को अपने पितरों की पितृपक्ष (Pitru Paksha 2024) में हर वर्ष सेवा करनी चाहिए. इस वर्ष पितृ पक्ष 17 सितंबर से शुरू होगा जो 2 अक्टूबर तक रहेगा. धार्मिक सिद्धांतों के अनुसार पितृ पक्ष के दिनों में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए. इसके अलावा किसी को भी नए कपड़े की खरीदारी नहीं करनी चाहिए. धार्मिक सिद्धांतों के अनुसार तिथि के अनुसार पितरों का तर्पण करने से उनकी आत्मा को शान्ति मिलती है और वह पितृ लोक में शांति से निवास करते हैं. पितरों के मधुर जीवन से जीवन में सुख और समृद्धि आती है. उनके नाराज होने से पितृ दोष (Pitru Paksha 2024) का भय होता है जिससे जीवन में कमी शुरू हो सकती है.

पितृ पक्ष का क्या है धर्म में महत्व

Pitru Paksha 2024

अगर किसी को अपने पितरों की मृत्यु की तारीख याद नहीं है तो उन्हें पितृ पक्ष के अंतिम दिन कहा जाता है. जिसका श्राद्ध करना चाहिए. सनातन धर्म में श्राद्धकर्म या पितृपक्ष (Pitru Paksha 2024) का एक अलग ही महत्व है. शास्त्रों के अनुसार आश्विन माह की कृष्ण प्रतिपदा से लेकर तक पितृपक्ष मनाया जाता है. इन दिनों हम सभी को स्वस्थ्य, दीर्घायु, वंश अनेक प्रकार के आशीर्वाद प्राप्त होते हैं. बताया जाता हैं कि न्यूनतम पितृ लोक 1 लाख वर्ग योजना में फैला हुआ है. गरुड़ पुराण के कठोपनिषद में इसका उल्लेख है. पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2024) में लोग अपनी जाति के अनुसार पितृ पक्ष की तृप्ति के लिए भोजन की व्यवस्था करते हैं. ऐसे ही श्राद्ध पक्ष में रोज 4-4-4 पूड़ी-सब्जी और मिष्ठान के साथ गाय, कुत्ते और कौवे को देवें.

पितृ पक्ष में क्या काम नहीं करना चाहिए

Pitru Paksha 2024

पितृपक्ष (Pitru Paksha 2024) में खरीदारी करें या नहीं करनी चाहिए ये बहुत बड़ा सवाल है. पितृ पक्ष में हमारे अतिथि के रूप में प्रवेश करना चाहिए. पितृ पक्ष के दौरान कुछ चीजों को मना करना होता है. पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2024) के दिनों में श्राद्ध व्यक्ति को बालों को भी कटवाने से बचना चाहिए. श्राद्ध कर्म के लिए काले तिल का उपयोग नहीं करना चाहिए. जहां ध्यान रखें कि पिंडदान या श्राद्ध कर्म के समय तुलसी अवश्य रखें.

श्राद्ध के समय इन बातों का रखे विशेष ख्याल

Pitru Paksha 2024

कभी भी श्राद्ध कर्म का समय शाम और रात का नहीं होना चाहिए. पितृ पक्ष के दिनों में लोहे के बर्तन का प्रयोग करना मना होता है. आप इस दौरान अन्य धातु से बने बर्तन का इस्तेमाल कर सकते हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार नीबू का सेवन नहीं करना चाहिए जिसमें लोकी, चना, दाल, जीरा, काला नमक, हल्दी का सागा आदि का नाम शामिल है. इसे भी जरूर पढ़ें –

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