अंजीर एक ऐसा फल है जो जितना मीठा है। उतना ही लाभदायक भी है। अंजीर के सूखे फल बहुत गुणकारी होते हैं। अंजीर खाने से कब्ज दूर हो जाती है। गैस और एसीडिटी से भी राहत मिलती है।
साधारण कब्ज में गरम दूध में सूखे अंजीर उबाल कर सेवन से सुबह दस्त साफ होता है। इससे कफ बाहर आ जाता है। सूखे अंजीर को उबाल कर बारीक पीस कर गले की सुजन या गांठ पर बांधी जाए तो लाभ पहुंचता है।
ताजे अंजीर खा कर साथ दूध का सेवन करना शक्तिवर्धक होता है। डायबिटीज के रोगी को अंजीर से लाभ पहुंचता है। अंजीर का सेवन दूध के साथ करना सबसे उत्तम माना गया है।
यदि आप लगातार 1 सप्ताह तक इसका सेवन रात को या सुबह दूध के साथ 2-3 अंजीर उबालकर करते है तो आपको इसकी ताकत का अनुभव होने लगेगा की यह कितना असरकारक है।
एक बात का ध्यान रहे मधुमेह रोगी इससे बचे क्योंकि शुगर लेवल कितना है उसी आधार पर मधुमेह रोगी इसका सेवन करे या नही ये आप अपने चिकित्सक की सलाह या परामर्श के आधार पर करे। हालांकि सभी प्राकृतिक फ्रूट्स की मिठास फ्रुक्टोज के कारण होती है ना कि ग्लूकोस के कारण। आइये जानते है इसके फायदों के बारे में…
अंजीर के गुण :
अंजीर अपने खट्टे-मीठे स्वाद के लिए प्रसिद्ध अंजीर एक स्वादिष्ट, स्वास्थ्यवर्धक और बहु उपयोगी फल है। अंजीर कई प्रकार का होता है जिसमें से कुछ इस प्रकार के हैं।
वैज्ञानिकों के अनुसार अंजीर कि इसके सूखे फल में कार्बोहाइड्रेट (शर्करा) 63 प्रतिशत, प्रोटीन 5.5 प्रतिशत, सेल्यूलोज 7.3 प्रतिशत, चिकनाई एक प्रतिशत, खनिज लवण 3 प्रतिशत, अम्ल 1.2 प्रतिशत, राख 2.3 प्रतिशत और जल 20.8 प्रतिशत होता है।
इसके अलावा प्रति 100 ग्राम अंजीर में लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग लोहा, विटामिन,थोड़ी मात्रा में चूना, पोटैशियम, सोडियम, गंधक, फास्फोरिक एसिड और गोंद भी पाया जाता है।
अंजीर से होने वाले फायदे :
दुर्बलता (कमजोरी) : पके अंजीर को बराबर की मात्रा में सौंफ के साथ चबा-चबाकर सेवन करें। इसका सेवन 40 दिनों नियमित करने से शारीरिक दुर्बलता दूर हो जाती है।
अंजीर को दूध में उबालकर-उबाला हुआ अंजीर खाकर वही दूध पीने से शक्ति में वृद्धि होती है तथा खून भी बढ़ता है।
रक्तवृद्धि और शुद्धि हेतु : 10 मुनक्के और 5 अंजीर 200 मिलीलीटर दूध में उबालकर खा लें। फिर ऊपर से उसी दूध का सेवन करें। इससे रक्तविकार दूर हो जाता है।
पेचिश और दस्त : अंजीर का काढ़ा 3 बार पिलाएं।
ताकत को बढ़ाने वाला : सूखे अंजीर के टुकड़े और छिली हुई बादाम गर्म पानी में उबालें। इसे सुखाकर इसमें दानेदार शक्कर, पिसी इलायची, केसर, चिरौंजी, पिस्ता और बादाम बराबर मात्रा में मिलाकर 8 दिन तक गाय के घी में पड़ा रहने दें। बाद में रोजाना सुबह 20 ग्राम तक सेवन करें। छोटे बालकों की शक्तिक्षीण के लिए यह औषधि बड़ी हितकारी है।
खून और शक्तिवर्धक : सूखे अंजीर के टुकड़ों एवं बादाम के गर्भ को गर्म पानी में भिगोकर रख दें फिर ऊपर से छिलके निकालकर सुखा दें। उसमें मिश्री, इलायची के दानों की बुकनी, केसर, चिरौंजी, पिस्ते और बलदाने कूटकर डालें और गाय के घी में 8 दिन तक भिगोकर रखें। यह मिश्रण प्रतिदिन लगभग 20 ग्राम की मात्रा में खाने से कमजोर शक्ति वालों के खून और पौरुष में वृद्धि होती है।
शरीर बलवान बनाएँ : सूखा अंजीर और 5-10 बादाम को दूध में डालकर उबालें। इसमें थोड़ी चीनी डालकर प्रतिदिन सुबह पीने से खून साफ होता है, गर्मी शांत होती है, पेट साफ होता है, कब्ज मिटती है और शरीर बलवान बनता है।
शरीर शक्तिशाली और क्षमता बढ़ाये : अंजीर को अधिक मात्रा में सेवन करने से शरीर शक्तिशाली होता है, और मनुष्य की क्षमता भी बढ़ती है। इसे भी जरूर पढ़ें –