44 की उम्र में भी बूढ़े हो जाते हैं लोग! दिखने लगते हैं ये लक्षण…

44 की उम्र में भी बूढ़े हो जाते हैं लोग! दिखने लगते हैं ये लक्षण…

Research On Ageing: वैसे तो किसी भी शख्स को 60 की उम्र पार करने के बाद रिटायर कर दिया जाता है। माना जाता है कि उसका बुढ़ापा शुरू हो गया है, लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि 44 की उम्र में भी बुढ़ापा आ जाए। नहीं ना? लेकिन एक रिसर्च में इसका खुलासा हुआ है। दरअसल, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी और नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने एक शोध किया है। जिसमें सामने आया है कि जीवन के दो महत्वपूर्ण बिंदुओं पर लोग तेजी से बूढ़े होते हैं। रिसर्च के अनुसार, 44 और फिर 60 की उम्र में लोग तेजी से बूढ़े होते हैं। शोधकर्ताओं की यह नई खोज वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद कर सकती है कि जैविक स्तर पर मनुष्य कैसे बूढ़ा होता है।

सात साल तक किया गया अध्ययन

इस रिसर्च को साइंस मैग्जीन नेचर एजिंग में प्रकाशित किया गया है। इस रिसर्च में कैलिफोर्निया के रहने वाले 25 से 75 साल के 108 प्रतिभागियों पर लगभग 20 महीनों तक अध्ययन किया गया। खास बात यह है कि इनमें से कई पर तो सात साल तक अध्ययन किया गया। रिसर्च में वॉलेंटियर ने हर तीन से छह महीने में त्वचा, मुंह, नाक, ब्लड और स्टूल के नमूने दिए। इसके जरिए अणुओं, विशेष रूप से आरएनए, प्रोटीन और माइक्रोबायोम में होने वाले बदलावों पर नजर रखी गई।

44 और 60 की उम्र में तेजी से वृद्धावस्था

सिंगापुर की नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी में माइक्रोबायोम मेडिसिन के सहायक प्रोफेसर और अध्ययन के लेखक शेन शियाओताओ ने इस बारे में जानकारी दी है। उन्होंने सीएनएन से बातचीत में कहा- हम धीरे-धीरे बूढ़े नहीं हो रहे हैं। शोधकर्ताओं को पता चला है कि थोड़ा-थोड़ा वृद्ध होने के बजाय 44 या 60 वर्ष के दौरान ज्यादा तेजी से वृद्धावस्था देखी गई। अधिकांश में ये ही नतीजे सामने आए।

मेटाबॉलिज्म में कमी

शेन ने इसका कारण भी बताया है। उन्होंने कहा कि 40 साल की आयु के आसपास लोगों का मेटाबॉलिज्म कैफीन और अल्कोहल के लिए काफी कम हो जाता है। 60 साल की उम्र में तो यह और भी कम हो जाता है। मेटाबॉलिज्म शरीर में होने वाली रासायनिक प्रक्रियाओं को कहा जाता है। जिनके जरिए खाना पचकर ऊर्जा में बदलता है।

फैट का जमना आम

इस रिसर्च में ये भी सामने आया है कि 44 और 60 की उम्र में मांसपेशियों में चोट लगना और फैट का जमा होना कॉमन था। माना जाता है कि इस बदलाव की बढ़ी वजह त्वचा और मांसपेशियों जैसे ऊतकों को अपनी जगह पर बनाए रखने के लिए जिम्मेदार प्रोटीन समय के साथ डिग्रेड हो जाते हैं। हालांकि अभी इस बारे में और ज्यादा रिसर्च की जरूरत है।

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