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मकड़ी ने काटा तो सड़ने लगा शरीर, डॉक्टर के पास पहुंचा तो सच्चाई जान चौंक उठा शख्स….

मकड़ी ने काटा तो सड़ने लगा शरीर, डॉक्टर के पास पहुंचा तो सच्चाई जान चौंक उठा शख्स….
मकड़ी ने काटा तो सड़ने लगा शरीर, डॉक्टर के पास पहुंचा तो सच्चाई जान चौंक उठा शख्स….

Bizarre News in Hindi : मकड़ी के काटने के बाद एक शख्स की जान मुसीबत में फंस गई। डॉक्टरों ने भी कह दिया कि अगर अस्पताल पहुंचने में देरी की होती तो उसकी जान भी जा सकती थी। मकड़ी के काटने के बाद शख्स की तबीयत धीरे-धीरे इतनी खराब हो गई कि उसे अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। अस्पताल में जांच के दौरान रिपोर्ट्स में ऐसी जानकारी सामने आई, जिसे देख डॉक्टर भी हैरान रह गए।

पीड़ित ब्रिटिश शख्स को मकड़ी ने काटा तो धीरे-धीरे वहां बड़ा घाव बन गया और शख्स को इमरजेंसी में अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। निजेल नाम के इस शख्स के पेट पर मकड़ी ने काटा था। बताया गया कि इस मकड़ी का नाम false widow spider था। निजेल छुट्टियां मनाने के लिए मिस्र जाने वाले थे, इससे कुछ ही देर पहले जब वह अपने घर में बिस्तर पर लेटे थे, तभी मकड़ी ने उन्हें काटा। डॉक्टरों का कहना है कि इससे उनकी मृत्यु हो सकती थी।

मकड़ी ने काटा तो मुसीबत में पड़ी जान 

59 साल के निजेल को शुरुआत में कोई समस्या नहीं हुई लेकिन मकड़ी के काटने का निशान धीरे-धीरे बड़ा होने लगा और फिर दर्द भी बढ़ने लगा। निजेल ने कहा कि मैं अपनी छुट्टी के लिए निकल चुका था लेकिन हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद मेरी तबीयत बिगड़ने लगी। एयरपोर्ट पर मैं अपने सिर को बैग पर रखकर सोता रहा लेकिन तबीयत बिगड़ती देख मैं एंटीबायोटिक्स या कुछ और दवाई लेने की सोच रहा था। इसके बाद मैं सीधे अस्पताल चला गया।

मांस खा रहा था कीड़ा!

डॉक्टर को मैंने अपनी स्थिति बताई तो उन्होंने तुरंत ब्लड टेस्ट किया और अल्ट्रासाउंड स्कैन करवाया। कुछ ही देर बाद उन्होंने हमें बुलाया और कहा कि यह अच्छा हुआ कि आप यहां आ गए, आपको false widow spider ने काटा है। डॉक्टरों ने यह भी बताया कि मैं नेक्रोटाइजिंग फेसाइटिस से पीड़ित था, ये एक मांस खाने वाला कीड़ा होता है। NHS वेबसाइट के अनुसार, नेक्रोटाइजिंग फेसाइटिस एक दुर्लभ और जानलेवा संक्रमण है जो घाव के संक्रमित होने पर हो सकता है और इसका तुरंत अस्पताल में इलाज कराना पड़ता है।

निजेल ने कहा कि अगर मैं छह से 10 दिनों के भीतर जांच के लिए अस्पताल नहीं जाता, तो मैं मर चुका होता। डॉक्टरों ने यह भी नहीं बताया कि मेरा घाव कब तक ठीक होगा। घाव अभी भी बड़ा है और हर दो दिन में मुझे अस्पताल जाना पड़ता है कि कहीं ये और फैल तो नहीं रहा है। उसने बताया कि मैं छुट्टी मनाने की योजना बना रहा था लेकिन अब मैं घर से बाहर ही नहीं निकल पाता।

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