घर में शराब रखने की क्या है लिमिट, जानिये हर राज्य के नियम कानून….

Liquor Limit at home : शराब पीने वालों की संख्या हर रोज बढ़ती ही जा रही है। अक्सर आपने देखा होगा कि कई लोग शोकिया तौर पर शराब का सेवन करते हैं तो वहीं कई लोगों को शराब पीने की आदत होती है। ऐसे में कई लोग घर पर भी शराब को स्टोर करके रखते हैं। तो आइए आज की इस खबर में हम आपको बताते हैं कि घर में शराब रखने की क्या है लिमिट।

Liquor Rules : घर में शराब रखने की क्या है लिमिट, जानिये हर राज्य के नियम कानून

देश में घर पर रखने वाली शराब की मात्रा (amount of alcohol) हर राज्य में अलग-अलग है। कुछ राज्यों में इसकी मात्रा तय की गई है, जबकि कई राज्यों में लाइसेंस लेकर ज्‍यादा शराब रखने की छूट (exemption from liquor) है। यह मात्रा सिर्फ व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए है। 

अगर आप पार्टी के लिए ज्‍यादा शराब रखना चाहते हैं तो आपको लाइसेंस लेना होगा। शराब की खरीद, परिवहन और कब्जे के लिए भी नियम हैं। इस तरह का सवाल खासतौर से तब खड़ा होता है जब दोस्त घर आ रहे हों या घर पर आप कोई पार्टी दे रहे हों। तब हर कोई यही सोचता है कि कितनी शराब काफी होगी। लेकिन, लिमिट से ज्‍यादा शराब घर (Liquor Limit at home) पर रखना महंगा पड़ सकता है। आइए, यहां जानते हैं कि बिना किसी कानूनी पचड़े के आप घर पर कितनी शराब रख सकते हैं।

हरियाणा: स्टॉक सीमा में स्थानीय शराब की 6 बोतलें (प्रत्येक 750 मिली), आईएमएफएल की 18 बोतलें (प्रत्येक 750 मिली, 6 से अधिक आयातित विदेशी शराब नहीं), 12 बीयर की बोतलें (650 मिली), 6 रम की बोतलें (750 मिली), 6 वोदका/साइडर/जिन बोतलें (750 मिली) और 12 वाइन बोतलें शामिल हैं।

दिल्ली: दिल्‍लीवासी घर (Liquor Limit at home)पर 18 लीटर तक शराब (बीयर और वाइन सहित) रख सकते हैं। वे 9 लीटर से अधिक रम, व्हिस्की, वोदका या जिन नहीं रख सकते हैं। सिर्फ एक लीटर शराब ही दिल्ली से बाहर ले जाई जा सकती है।

उत्तर प्रदेश: विदेशी मादक पेय पदार्थों (भारत में निर्मित और आयातित दोनों) की कानूनी सीमा 1.5 लीटर है। वाइन के लिए सीमा 2 लीटर है और बीयर के लिए यह 6 लीटर है।

आंध्र प्रदेश: निवासियों को बिना किसी परमिट के भारत में निर्मित विदेशी शराब (आईएमएफएल) या विदेशी शराब की अधिकतम तीन बोतलें और बीयर की अधिकतम छह बोतलें रखने की अनुमति है।

अरुणाचल प्रदेश: अरुणाचल प्रदेश आबकारी अधिनियम के तहत वैध शराब लाइसेंस के बिना 18 लीटर से अधिक आईएमएफएल या देशी शराब रखना अवैध है।

पंजाब: निवासियों को भारत में निर्मित विदेशी शराब (आईएमएफएल) की दो बोतलें, बीयर का एक केस (प्रति बोतल 650 मिलीलीटर), किसी भी विदेशी शराब की दो बोतलें (1 या 5 लीटर), घरेलू शराब की दो बोतलें और ब्रांडी की एक बोतल रखने की अनुमति है।

पश्चिम बंगाल: 21 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को भारत में निर्मित विदेशी शराब की अधिकतम छह बोतलें खरीदने और रखने की अनुमति है, जिनमें से प्रत्येक में 750 मिली लीटर शराब होती है। इसके अलावा उन्हें बिना लाइसेंस के 18 बीयर की बोतलें रखने की इजाजत है।

गोवा: निवासियों को अधिकतम 12 बोतल भारतीय विदेशी शराब, 24 बोतल बीयर, 18 बोतल देशी शराब तथा रेक्टीफाइड व डिनेचर्ड स्पिरिट की 6-6 बोतलें रखने की अनुमति है।

हिमाचल प्रदेश: लोगों को अधिकतम 48 बीयर की बोतलें और 36 व्हिस्की की बोतलें रखने की इजाजत है।

केरल: शराब की अधिकतम अनुमत खपत 3 लीटर भारतीय निर्मित विदेशी शराब (आईएमएफएल) और 6 लीटर बीयर है।

असम: खुदरा बिक्री प्रति व्यक्ति प्रतिदिन आईएमएफएल की 12 बोतलों, संशोधित या विकृत स्पिरिट की 4.5 लीटर तथा ‘प्रतिष्ठित’ देशी स्पिरिट की 3 बोतलों (750 मिली प्रत्येक) तक सीमित है।

मध्य प्रदेश: उच्च आय वाले व्यक्ति एक वार्षिक शुल्क देकर अपने घर में 100 ‘महंगी’ शराब की बोतलें रख सकते हैं।

महाराष्ट्र: शराब पीने के लिए आपको लाइसेंस की जरूरत होती है। आपके पास स्थानीय और आयातित दोनों तरह की शराब खरीदने, परिवहन करने और पीने के लिए परमिट होना चाहिए।

राजस्थान: नागरिकों को 12 बोतल या नौ लीटर आईएमएफएल रखने की अनुमति है।

जम्मू और कश्मीर: अनुमत भंडारण में भारत निर्मित विदेशी शराब (आईएमएफएल) की 12 बोतलें शामिल हैं, जिनमें 750 मिलीलीटर जेके देसी व्हिस्की और 12 बीयर की बोतलें शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक की क्षमता 650 मिलीलीटर है।

ड्राय स्‍टेट्स: मिजोरम, गुजरात, बिहार, नागालैंड और लक्षद्वीप जैसे शराबबंदी वाले राज्यों में शराब पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। कानून को तोड़ने पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

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