धर्म शास्त्रों के नजरिए से लहसुन तामसिक होता है, जिसका सेवन नहीं करना चाहिए. लेकिन मेडिकल साइंस और आयुर्वेद में इसे दवा बताया गया है. लहसुन को खासतौर पर दिल की सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है.
एक रिपोर्ट के अनुसार, लहसुन सर्दी को ठीक करने से लेकर ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने में मददगार होता है. लहसुन में विटामिन सी और बी6, मैंगनीज और सेलेनियम होता है, जो एक प्रकार का एंटीऑक्सीडेंट है, जिसे इसके सकारात्मक प्रभावों के लिए जिम्मेदार माना जाता है. लेकिन मार्केट में एक ऐसे तरह का लहसुन भी मिल रहा है जिसमें जहरीले केमिकल मिले हुए हैं.
बाजारों में बिक रहा जहरीला लहसुन
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 2014 में बैन हुए चीनी लहसुन भारत में अवैध तरीके से बेचें जा रहे हैं. यह रोक फफूंद से संक्रमित लहसुन के देश में बेचे जाने की रिपोर्ट के कारण लगाया गया था. तस्करी किए गए लहसुन में कीटनाशक की उच्च मात्रा होने का अनुमान लगाया जा रहा है.
लहसुन को फफूंद से बचाने के लिए चीन करता है काम
जादवपुर विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर ने पहले TOI को बताया था कि चीनी लहसुन को छह महीने तक फफूंद के विकास को रोकने के लिए मिथाइल ब्रोमाइड युक्त एक फंगीसाइड से उपचारित किया जाता है. इसके अलावा, हानिकारक क्लोरीन से इसे ब्लीच किया जाता है. इससे लहसुन में लगे कीड़े मर जाते हैं, अंकुरण जल्दी नहीं होता साथ ही कली सफेद फ्रेश नजर आती है.
क्या है मिथाइल ब्रोमाइड फंगीसाइड
मिथाइल ब्रोमाइड बहुत ही जहरीला एक गंधहीन, रंगहीन गैस है जिसका उपयोग कृषि और शिपिंग में कवक, खरपतवार, कीड़े, नेमाटोड (या राउंडवॉर्म) और समेत कई प्रकार के कीटों को कंट्रोल करने के लिए किया जाता है. इसका ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल सेहत के लिए बहुत खतरनाक होता है. यूएसईपीए के अनुसार, मिथाइल ब्रोमाइड के संपर्क से केंद्रीय तंत्रिका तंत्र और श्वसन प्रणाल फेल हो सकती है और फेफड़ों, आंखों और त्वचा को नुकसान पहुंच सकता है. इतना ही नहीं इससे कोमा में जाने का खतरा भी होता है.
लहसुन खरीदते समय रखें इस बात का ध्यान
चायनीज लहसुन की कलियां साइज में बड़ी होती हैं. इसमे छिलकों पर नीले और बैंगनी रंग की लकीरे नजर आती हैं. यदि आप ऐसे लहसुन को खरीदते हैं तो तुरंत अपनी गलती सुधार लें.