भ्रष्टाचार ने हमारे समाज को खोखला कर रखा है। किसी भी सरकारी कार्यालय व विभाग में रिश्तवखोरी आजकल आमबात हो गई है। आाज हम एक ऐसे सरकारी कर्मचारी की बात करेंगे, जिसका इमान सिर्फ 2000 रुपये में ही बिक गया।
दरअसल, विजिलेंस की टीम ने कैथल शहर के पटवारी हरंबस व उसके मुंशी अनिल को मकान की फर्द देने के नाम पर दो हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। टीम ने उनके कब्जे से रिश्वत की दो हजार की राशि भी बरामद की है। टीम ने जब उनके हाथ धुलवाए तो नोटों पर लगे केमिकल के कारण पानी का रंग लाल हो गया।
शिकायतकर्ता विक्रम निवासी पट्टी अफगान ने बताया कि शहर में उसके माता-पिता के नाम एक मकान था। उसके माता-पिता की मौत हो चुकी है। वह उक्त मकान की इंतकाल की प्रति लेने के लिए पटवारी हरबंस से मिला।
हरबंस ने उसे मुंशी अनिल से मिलवाया और कहा कि उससे कापी ले लो। पटवारी और मुंशी ने उसे कई चक्कर लगवाने के बाद भी इंतकाल नहीं दिया तथा बाद में इंतकाल के लिए दो हजार की रिश्वत की मांग की।
भ्रष्टाचार में लिप्त पटवारी व मुंशी को गिरफ्तार करवाने को लेकर उसने विजिलेंस को अपनी शिकायत दी। विजिलेंस ने आरोपी को रंगे हाथों काबू करने के लिए अंबाला के विजिलेंस इंस्पेक्टर जोगेद्र सिंह के नेतृत्व में टीम का गठन किया। टीम में डयूटी मजिस्ट्रेट जिला विकास एवं पंचायत को बनाया गया।
टीम ने शिकायतकर्ता विक्रम के पांच-पांच सौ के चार नोटों के नंबर नोट करते हुए उन पर केमिकल लगा दिया। जैसे ही विक्रम ने उक्त दो हजार के नोट पटवारी हरबंस व उसके साथ बैठे अनिल को दिए तो इशारा पाते ही टीम ने दोनों को काबू कर लिया।
टीम ने आरोपियों के कब्जे से उक्त दो हजार की नकदी भी बरामद कर ली। टीम ने दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है।