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लेबनान में जिन वॉकी-टॉकी में विस्फोट हुआ, वे 10 साल पुराने हैं, फिर उनमें बम कब और कैसे फिट किए गए?

लेबनान में जिन वॉकी-टॉकी में विस्फोट हुआ, वे 10 साल पुराने हैं, फिर उनमें बम कब और कैसे फिट किए गए?
लेबनान में जिन वॉकी-टॉकी में विस्फोट हुआ, वे 10 साल पुराने हैं, फिर उनमें बम कब और कैसे फिट किए गए?

Lebanon News: लेबनान में पेजर में धमाकों के बाद बुधवार को वॉकी-टॉकी भी फटने लगे. लगातार दूसरे दिन, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज में धमाकों की घटनाओं से दहशत फैल गई है. मंगलवार और बुधवार के धमाकों को मिलाकर कम से कम 32 लोग मारे गए हैं और 3,400 से ज्यादा घायल हैं. जिन वॉकी-टॉकी में विस्फोट हुए, उन्हें जापानी कंपनी Icom Inc ने बनाया है. कंपनी के मुताबिक, वह ऐसे डिवाइसेज का निर्माण 10 साल पहले ही बंद कर चुकी है.

2014 में बंद हो चुका उत्पादन

लेबनान में वॉकी-टॉकी धमाकों पर ओसाका बेस्ड कंपनी ने गुरुवार को बयान जारी किया. Icom Inc ने कहा कि उसने अक्टूबर 2014 तक IC-V82 टू-वे रेडियो की मिडल ईस्ट समेत कई क्षेत्रों में सप्लाई की थी. तभी इन डिवाइसेज को बनाना बंद कर दिया गया था. एक बयान में आईकॉम ने कहा, ‘आईसी-वी82 एक हैंडहेल्ड रेडियो है, जिसका उत्पादन और निर्यात 2004 से अक्टूबर 2014 तक किया गया, जिसमें मध्य पूर्व भी शामिल है. इसे लगभग 10 साल पहले बंद कर दिया गया था, और तब से इसे हमारी कंपनी से नहीं भेजा गया है. कंपनी ने कहा कि उसने मेन यूनिट को चलाने वाली बैटरीज का उत्पादन भी रोक दिया था.

फिर वॉकी-टॉकी में विस्फोटक कब और कैसे लगाए गए?

ये हमले लेबनान में मौजूद हथियारबंद संगठन हिजबुल्लाह को निशाना बनाकर किए गए. हिजबुल्लाह ने हमले के पीछे इजरायल की सरकार को जिम्मेदार बताया है. हालांकि, इजरायल ने प्रतिक्रिया नहीं दी. इन धमाकों से सबसे बड़ा सवाल यह पैदा होता है कि डिवाइसेज में विस्फोटक सामग्री कब लगाई गई? अगर Icom ने एक दशक पहले ही वॉकी-टॉकी बनाने बंद कर दिए थे, तो यह संभव है कि उन्हें मूल ग्राहकों को बेचे जाने के बाद में मॉडिफाई किया गया हो!

कंपनी का कहना है कि वह अपने सभी रेडियो पश्चिमी जापान की फैक्ट्री में बनाती है. Icom के मुताबिक, वह विदेश में उत्पादन नहीं करती और सभी सरकारी नियमों का पालन करती है.

जापानी मीडिया में आई रिपोर्ट्स में Icom के निदेशक योशिकी एनोमोटो के हवाले से कहा गया है कि चूंकि उपकरणों की तस्वीरों में बैटरी कम्पार्टमेंट के आसपास गंभीर क्षति दिखाई दे रही है, इसलिए हो सकता है कि खरीद के बाद बैटरियों में विस्फोटकों का इस्तेमाल कर उन्हें मॉडिफाई किया गया हो. जापान की सरकार भी इस मामले में जानकारी इकट्ठा कर रही है.

कहां बने थे फटने वाले पेजर?

मंगलवार को, हिज्बुल्ला के संचार नेटवर्क को निशाना बनाने के इरादे से पेजर हमला भी किया गया था. लेबनान और सीरिया में जिन पेजर में विस्फोट हुए, उन्हें हंगरी की एक कंपनी ने बनाया था. कंपनी का मुख्यालय हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में है. ताइवानी कंपनी गोल्ड अपोलो ने बुधवार को एक बयान में कहा कि एआर-924 पेजर का निर्माण बीएसी कंसल्टिंग केएफटी ने किया था, जो हंगरी की राजधानी में स्थित है. इसे भी जरूर देखें –

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