आचार्य चाणक्य जी को भारत के महान राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री का दर्जा दिया गया है। इन्होंने अपनी बुद्धि, बल, ज्ञान और नीतियों से नंद वंश को समाप्त करने में चंद्रगुप्त मौर्य को अपना साम्राज्य स्थापित करने में मदद की थी। इन्होंने ऐसी कई नीतियां बनाई, जो भारत में रहने वालों के लिए बेहतर जीवन व्यतीत करने में सहायक हो।
मनुष्य को अपना जीवन बिताने के लिए, अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए पैसों की आवश्यकता होती है। बिना पैसों के इस संसार में व्यक्ति जी नहीं सकता, क्योंकि एक अच्छा जीवन जीने के लिए खाना पीना, कपड़े, रहने के लिए घर, ये तो अत्यंत आवश्यक हैं। पर इसके साथ ही आज की दुनिया में अगर आप को अपनी अहमियत कायम करनी है तो अच्छी शिक्षा बहुत ही जरूरी है।
जीवन को सफल और श्रेष्ठ बनाने के लिए आचार्य चाणक्य ने कई नीतियां बनाई है, जिन्हें अपनाने से न केवल आप आर्थिक तौर पर मजबूत हो सकते हैं बल्कि एक अच्छे सफल इंसान भी बन सकते हैं। इन्होंने अपनी एक नीति में बताया है कि अगर आपको धनवान बनना हैं तो कुछ बातों को कभी भी भूलना नहीं चाहिए।
वे कहते हैं कि जिस प्रकार तालाब या बर्तन में भरा हुआ जल रखे रखे सड़ जाता हैं उसी तरह धन का प्रयोग नदी के जल की तरह करना चाहिए। यानि कि कुछ लोग ऐसे होते जो धन को तिजोरी में संजो के रखते हैं पर ऐसा नहीं करना चाहिए। धन को दान पुण्य में प्रयोग करे या किसी अच्छी जगह इसका निवेश करे। इससे धन निरंतर बढ़ता है।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि पैसों का लेन देन करते समय लोक लज्जा का भय न करे। धन का प्रयोग हमेशा अपने फायदे के लिए ही करें। वो ये भी कहते हैं कि धन का मोह नहीं करना चाहिए। यानी कि पैसों के पीछे पागल नहीं होना चाहिए। आप अपना कर्म करते जाए। धनवान हो जाने पर घमंड न करे नहीं तो आपका धन ज्यादा दिनों तक नहीं टिकेगा। आप ईमानदारी से अपने कर्म करते और जरूरतमंद लोगों की हमेशा सहायता करने का प्रयास करें।