नई दिल्ली। दूध वाली चाय (मिल्क टी) को हमारे देश में एक लोकप्रिय ड्रिंक के रूप में देखा जाता है. दिन की शुरुआत से लेकर शाम की थकान मिटाने तक, हर मौके पर चाय का एक कप अधिकांश लोगों के लिए जरूरी हो जाता है. हालांकि, क्या आप जानते हैं कि रोजाना अधिक मात्रा में चाय पीना आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है? जी हां, दूध वाली चाय के अधिक सेवन से कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिनके बारे में जानना जरूरी है. आइए जानते हैं कि ज्यादा दूध वाली चाय पीने से कौन-कौन सी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं.
पाचन संबंधी समस्याएं
दूध वाली चाय का अत्यधिक सेवन पाचन तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है. चाय में मौजूद कैफीन और टैनिन्स (tannins) पेट में एसिडिटी का कारण बनते हैं, जिससे एसिड रिफ्लक्स और अपच की समस्या हो सकती है. इसके अलावा, अगर आपको लैक्टोज इन्टॉलरेंस है, तो दूध वाली चाय पीने से पेट में गैस, दस्त और दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
नींद की समस्या
चाय में कैफीन की उच्च मात्रा होती है, जो शरीर को उत्तेजित करती है. अधिक मात्रा में चाय पीने से अनिद्रा (Insomnia) की समस्या हो सकती है. जिन लोगों को पहले से नींद संबंधी दिक्कतें हैं, उनके लिए चाय का ज्यादा सेवन और भी हानिकारक साबित हो सकता है. दिनभर में अधिक चाय पीने से रात को सोने में परेशानी हो सकती है और इससे नींद की क्वालिटी भी प्रभावित हो सकती है.
किडनी पर असर
दूध वाली चाय में ऑक्सलेट (Oxalate) की मात्रा अधिक होती है, जो किडनी में पत्थरी (Kidney Stone) बनने का कारण बन सकता है. यदि आप पहले से ही किडनी की समस्या से जूझ रहे हैं, तो चाय का अधिक सेवन आपकी किडनी को और नुकसान पहुंचा सकता है. यह किडनी के फिल्टरिंग फंक्शन को कमजोर करता है, जिससे किडनी संबंधित अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं.
आयरन की कमी
चाय में टैनिन्स नामक यौगिक पाए जाते हैं, जो शरीर में आयरन के अवशोषण को कम कर सकते हैं. खासतौर पर अगर आप खाने के तुरंत बाद चाय पीते हैं, तो यह आयरन की कमी (Iron Deficiency) का कारण बन सकता है. आयरन की कमी से एनीमिया (Anemia) जैसी बीमारियां हो सकती हैं, जिससे कमजोरी, चक्कर आना, और थकावट महसूस हो सकती है.
दिल की सेहत पर प्रभाव
दूध वाली चाय का अधिक सेवन, विशेषकर यदि उसमें बहुत चीनी डाली जाए, तो यह आपके दिल की सेहत पर बुरा असर डाल सकता है. चाय में मौजूद कैफीन और चीनी दोनों ही ब्लड प्रेशर बढ़ाने का काम कर सकते हैं. इससे हाई ब्लड प्रेशर, हृदयघात और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है.