पुणे से ये मामला सामने आया है जहाँ माता पिता ने अपनी मासूम बच्ची को मात्र 2000 रूपए में बेच दिया, पुलिस ने फिर इस बच्ची को ऐसे रेस्क्यू किया, आइये जानते है पूरा मामला
महाराष्ट्र में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया. जहां एक बच्ची को 4 साल पहले उसके माता-पिता ने 2 हजार रुपए में बेच दिया था और पुणे में बच्ची को भीख मांगने के धंधे में धकेल दिया गया. पुलिस के मुताबिक बच्ची से जबरन भीख मंगवाया जा रहा था. इस केस में एक वकील ने जबरन भीख मंगवाने से जुड़े सबूत इकट्ठा किए. इसके बाद पुलिस ने उस बच्ची को रेस्क्यू किया.
माता-पिता ने केवल 2 हजार रुपए में बच्ची को बेच दिया था
साल 2019 में उसके माता -पिता ने बच्ची को 2 हजार रुपए में बेच दिया था. इसके बाद उस बच्ची को भीख मांगने के धंधे में धकेल दिया गया. उस वक्त को मुश्किल से दो महीने की थी. बारामती तालुका के सुपे में जन्मी ये लड़की अहमदनगर जिले के कर्जत तालुका के मझगांव के खानाबदोश समुदाय के परिवार की आठ बेटियों में से आखिरी है. पुणे पुलिस ने बताया कि परिवार छोटी-छोटी नौकरियों से जीवन यापन करता है. दंपति को लोहेगांव के रामवाड़ी स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया गया है. वे एक ऐसे समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं जो भिक्षा मांगने के लिए अपने ही लोगों पर चाबुक चलाकर अपनी जीविका चलाता है.
पुलिस ने दर्ज किया केस
जांच से पता चला कि लड़की के माता-पिता ने उसे गांव की जाट (जाति) पंचायत के सदस्यों की सहमति से 2,000 रुपये में बेच दिया था. उसके माता-पिता और मझगांव के 11 अन्य लोगों पर मामला दर्ज किया गया है. भारतीय दंड संहिता की धारा 366ए (नाबालिग लड़की की खरीद), 370 (मानव तस्करी) और 34 (सामान्य इरादा) और किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 (बच्चे के प्रति क्रूरता), 76 (भीख मांगने के लिए बच्चे का रोजगार) और 81 (किसी भी उद्देश्य के लिए बच्चों की बिक्री और खरीद) और धारा 11 (लोगों को भीख मांगने के लिए नियोजित करना या प्रेरित करना या भीख मांगने के उद्देश्य से उनका उपयोग करना) के तहत अपराध के लिए मामला दर्ज किया गया है.