जैसलमेर में है चमत्कारी पत्थर; दूध में डालते ही दही तैयार!!

जैसलमेर में है चमत्कारी पत्थर; दूध में डालते ही दही तैयार!!

राजस्थान के जैसलमेर (Jaisalmer in Rajasthan) के पास हाबूर गांव में पाया जाने वाला हाबूर पत्थर इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है। इस पत्थर की खास बात यह है कि इसे दूध में डालने पर दूध दही में बदल जाता है। यह पत्थर स्थानीय ग्रामीणों के दैनिक जीवन का हिस्सा है और अब जैसलमेर के बाजार में भी बेचा जा रहा है। हाबूर पत्थर अब ऑनलाइन बाजार में भी उपलब्ध है। अपने चमत्कारी गुणों के कारण इस पत्थर की चर्चा पूरी दुनिया में होती है।

प्राचीन परंपराएँ और चमत्कारी गुण

हाबूर गांव के बुजुर्गों के मुताबिक इस पत्थर का इस्तेमाल पीढ़ियों से किया जा रहा है। अपने प्राकृतिक तत्वों के कारण दूध जल्दी फटने लगता है और दही में बदल जाता है। ग्रामीण इस पत्थर का उपयोग घरेलू उपचार के रूप में करते हैं।

बाजार में बढ़ती लोकप्रियता और मांग

यह पत्थर, जो पहले केवल स्थानीय उपयोग में था, अब जैसलमेर के बाजार में भी बिक्री के लिए उपलब्ध है। पत्थर से कलात्मक मिट्टी के बर्तन और घर की सजावट की वस्तुएं बनाई जा रही हैं, जिनकी पर्यटकों और स्थानीय लोगों के बीच मांग बढ़ रही है।

हस्तशिल्प को बढ़ावा मिला

इस पत्थर ने स्थानीय कारीगरों के लिए रोजगार के अवसर पैदा किये हैं। जैसलमेर की सांस्कृतिक विरासत का अहम हिस्सा बने इस पत्थर ने स्थानीय हस्तशिल्प और परंपराओं को एक नया आयाम दिया है।

इस पत्थर के चमत्कारी गुणों के पीछे का वैज्ञानिक कारण अभी भी स्पष्ट नहीं है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, हाबूर पत्थर का और अधिक गहन अध्ययन जरूरी है। कहा जाता है कि यह हजारों साल पहले बने जीवाश्मों का पत्थर है। इसे जीवाश्म समृद्ध पत्थर के रूप में प्रतिष्ठा प्राप्त है और कहा जाता है कि इसमें उपचार करने की शक्तियाँ हैं। लेकिन इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है.

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