नई दिल्ली। बारिश का मौसम है. नदियों में जलस्तर बढ़ रहा है. ऐसे में बांध की अहमियत बढ़ जाती है. बांध न हों, तो पानी रिहायशी इलाकों में घुस जाता है. यूं तो बांध फायदेमंद हैं. बाढ़ रोकने में. बिजली पैदा करने में. लेकिन एक बांध ऐसा भी है, जो विवादास्पद है. ये दुनिया का सबसे बड़ा बांध है.
चीन के थ्री गॉर्जेस डैम की वजह से होने वाले नुकसान के बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे. इस बांध ने पृथ्वी के घूमने की स्पीड को ही धीमा कर दिया है. दुनिया का सबसे बड़ा बांध चीन में है, जिसका नाम है ‘थ्री गॉर्जेस डैम'(Three Gorges Dam). ये एक hydroelectric gravity dam है.
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चीन के हुबेई प्रांत में यांग्जी नदी (Yangtze River) पर बना है. यांग्जी दुनिया की तीसरी सबसे लंबी नदी है. इस नदी की लंबाई छह हजार किलोमीटर से भी ज़्यादा है. यांग्जी नदी में आने वाली भारी बाढ का इतिहास गवाह है. हर दस साल में एक बार इसके किनारे बह जाते थे. सिर्फ 20वीं सदी के दौरान ही इसमें आई बाढ से करीब 3 लाख लोग मारे गए थे.
बाढ़ को नियंत्रित करने, डेढ़ करोड़ लोगों और लाखों एकड़ कृषि भूमि को बचाने के लिए इस बांध को बनवाया गया था. स्टील और कॉन्क्रीट से बना ये डैम 2.3 km लंबा, 115 मीटर चौड़ा और 185 मीटर ऊंचा है. दुनिया का सबसे बड़ा डैम है, तो जाहिर है कि सबसे महंगा भी होगा. इस बांध के निर्माण की लागत करीब ढाई लाख करोड़ रुपये से भी ज़्यादा आंकी गई है. पूरी बनने में करीब दो दशक लग गए. इसका निर्माण साल 1994 में शुरू हुआ था. 2012 में ये बनकर तैयार हुआ.
हजारों टन स्टील का हुआ इस्तेमाल
Three Gorges Dam को बनाने में चार लाख 63 हजार टन स्टील का इस्तेमाल हुआ है. इतनी स्टील से 60 एफिल टॉवर खड़े कर सकते हैं. इस बांध से इतनी बिजली पैदा हो रही है, जिससे कई छोटे देशों को रोशन किया जा सकता है. इसमें 22,400 मेगावाट ऊर्जा उत्पन्न करने की क्षमता है.
क्यों विवादित है ये बांध?
चीन भले ही ये दावा करता है कि वो बाढ़ के पानी को रोकने में सफल रहा है, लेकिन Three Gorges Dam जल प्रदूषण और पर्यावरणीय खतरों को लेकर विवादों में घिरा हुआ है. आज भी, चीन भारी बारिश और भयंकर बाढ़ से जूझ रहा है. इससे बांध की दक्षता पर सवाल खड़ा होता है.
भूस्खलन और बाढ़ का असर
1992 में जब बांध के निर्माण की योजना शुरू हुई, तो कई वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी थी कि इस बांध से आसपास के द्वीपों पर दबाव बढ़ेगा. इससे भूस्खलन हो सकता है. जैव विविधता को खतरा होगा. 2003 में, 700 मिलियन क्यूबिक फीट की चट्टान यांग्जी से 2 किमी दूर किंगगन नदी में समा गई. इसमें 14 लोगों की जान चली गई थी.
इसके बावजूद, China Yangtze Three Gorges Development Corporation ने अपने जलाशय में जल स्तर 445 फीट से बढ़ाकर 512 फीट कर दिया. इससे दर्जनों भूस्खलन हुए. 2020 में भी flood waves की वजह से बांध के गेट खुल गए थे. यह फ्लैश फ्लड था. तब से, यांग्त्ज़ी नदी बाढ़ से जूझ रही है.
बाढ़ से चीन के कई हिस्सों में सैकड़ों लोगों की जानें गई हैं. 14 लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं. उनके घर तबाह हो गए. सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि बाढ़ में डूब गई. यांग्जी नदी के किनारे बसे दो शहर और 100 से ज्यादा कस्बे और 1600 गांव डूब गए.
पानी के वजन ने यांग्जी नदी के किनारों के महत्वपूर्ण हिस्सों को तबाह कर दिया. इससे बांध की दक्षता पर सवाल खड़े हो गए हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि यह छोटी बाढ़ को तो झेल सकता है, लेकिन बड़ी बाढ़ को नहीं.
डैम से हुए हैं कई नुकसान
यह बांध दो बड़ी फॉल्ट लाइन्स पर बना है. इसलिए यहां भूकंप आते हैं. 2003 में एक पहाड़ का बड़ा हिस्सा टूटकर नदी में गिरा था, जिसमें 24 लोग मारे गए थे. एक बार तो बांध की दीवार पर दरारें भी आ गई थीं, जिससे रिसाव का खतरा बढ़ गया था.
चीन में थ्री गॉर्जेस बांध के आसपास के क्षेत्र में 6400 पौधों की प्रजातियां, 3400 कीट प्रजातियां, मछलियों की 300 प्रजातियां और 500 से ज़्यादा स्थलीय कशेरुक प्रजातियां पाई जाती हैं. इस बांध की वजह से ये प्रजातियां खतरे में आ गई हैं. Three Gorges dam से सूखा और बीमारियां भी बढ़ी हैं.
खासकर 2008 में यांग्ज़ी नदी का जलस्तर 142 वर्षों में सबसे कम रहा. पानी के बहाव में कमी के कारण कई घर प्रभावित हुए हैं. ताजा पानी दूषित हो गया है. अनुमान है कि चीन का 70% ताजा पानी प्रदूषित है. बांध इसे और भी खराब कर रहा है. ये बांध पुरानी Waste Facilities और Mining Operations के ऊपर बना है. यांग्जी नदी में हर साल 265 मिलियन गैलन सीवेज जमा होता है.
धरती के घूमने की गति हुई कम
इस बांध का सबसे बड़ा प्रभाव तो पृथ्वी पर पड़ा है. NASA के वैज्ञानिकों ने 2005 में गणना की थी कि Three Gorges Dam की वजह से पृथ्वी के घूमने की गति धीमी हो गई है. कई चीजें हैं जो पृथ्वी के घूमने को प्रभावित करती हैं. जैसे हवाएं, भूकंप, जलवायु परिवर्तन और चंद्रमा की स्थिति भी. बांध के जलाशय में 42 बिलियन टन पानी है, जिससे पृथ्वी घूमते समय अपना मोमेंटम खो देती है.
द्रव्यमान में बदलाव के कारण एक दिन का समय 0.06 माइक्रोसेकंड बढ़ गया है. यानी इस बांध की वजह से अब दिन थोड़ा लंबा हो गया है. NASA के मुताबिक, इस बांध के बनने की वजह से उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव भी अपनी-अपनी जगह से 2-2 सेंटीमीटर खिसक गए हैं, जबकि अन्य ध्रुवों पर पृथ्वी थोड़ी सी चपटी भी हो गई है.