अंधविश्वास या और कुछ… सांप काटने से मौत के बाद नदी में शव को क्यों किया जाता है प्रवाहित??

अंधविश्वास या और कुछ… सांप काटने से मौत के बाद नदी में शव को क्यों किया जाता है प्रवाहित??

भोजपुर. बिहार के आरा में एक बच्चे का शव केले के थम पर बहता दिखा. इसका वीडियो नाव सवार व्यक्ति ने बनाया. इसके बारे में बताया गया कि आरा में सांप काटने से बच्चे की मौत हो गई थी. इसके बाद परिजनों ने शव के जलाने के बजाय गंगा नदी में बहाया दिया.कहा जाता है कि सांप काटने से अगर मौत होती है तो शव को जलाया नही जाता, बल्कि उसे गंगा में प्रवाहित कर दिया जाता है. ताकि वो जिंदा वापस लौट सके. इसे आप अंधविश्वास भी कह सकते है और चमत्कार होने की उम्मीद भी. आइए इस पर जानते हैं एक शास्त्र के जानकार से. उनका क्या कहना है इस विषय पर.

मामला आरा के महुली गंगा घाट का है. जहां एक बच्चे के शव को केले के थुम्बी पर बांध कर गंगा में प्रवाहित कर दिया गया है. शव प्रवाहित करने का वीडियो भी सामने आया है. जिसमे देखा जा रहा है कि एक शव गंगा के बीच धारा में नाव से ले जा कर बहाया जा रहा है.गंगा में प्रवाहित शव के बारे में बताया गया कि मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के चमुखा गांव के विनय सिंह के 8 वर्षीय पुत्र आदर्श कुमार को सोए अवस्था मेंं एक विषैले सांप ने काट लिया. लेकिन सदर अस्पताल में इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई थी. जिसके बाद परिजनों के द्वारा बच्चे का शव का दाह संस्कार ना कर के बल्कि उसे पुराने रिवाज के अनुसार केला के थुम्बी का नाव बना उस पर बांध दिया गया.शव को बीच धारा में प्रवाहित कर दिया गया.

क्या है मान्यता?
इस विषय में शास्त्र के जानकार विष्णु देव उपाध्याय ने बताया कि पुराने समय मे माना जाता था कि सांप काटने से जिस व्यक्ति की मौत होती है. उसका पूर्णजन्म होता है या इसलिए भी शव को प्रवाहित किया जाता है कि कोई तांत्रिक तंत्र विद्या से सांप के जहर को कम कर देगा या निकाल कर मरे व्यक्ति को जिंदा कर दे. उसी मान्यता पर कभी-कभी किसी का शव प्रवाहित किया जाता है. ऐसा कई बार आपने भी सुना और देखा होगा. यह सब आज से 20 साल पहले बहुत हुआ करता था. पर अब ऐसा मामला कम ही सामने आता है. आप इसे अंधविश्वास या चमत्कार दोनों ही समझ सकते हैं.

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