1 लाइक = 70 रुपये, ज्यादा कमाई के चक्कर में हुआ 37 लाख का Scam, कैसे होता है पूरा खेल?.

1 लाइक = 70 रुपये, ज्यादा कमाई के चक्कर में हुआ 37 लाख का Scam, कैसे होता है पूरा खेल?.

नई दिल्ली। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स धीरे-धीरे स्कैमर्स के लिए टार्गेट खोजने का साधन बनते जा रहे हैं. हर दिन सोशल मीडिया पर कोई ना कोई शख्स धोखाधड़ी का शिकार हो रहा है. स्कैमर्स लोगों को ठगने के लिए तरह-तरह के जाल बिछा रहे हैं. ऐसे में एक तरीके का स्कैम सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है. हम बात कर रहे हैं वर्क फ्रॉम होम स्कैम की.

इस तरह के स्कैम में एक अन्य व्यक्ति ने अपने लाखों रुपये गंवा दिए हैं. पिछले कुछ महीनों में इस तरह के कई स्कैम देखने को मिले हैं. हालिया मामले में पीड़ित ने 37 लाख रुपये गंवा दिए हैं. दरअसल, स्कैमर्स ने पीड़ित को इंस्टाग्राम पोस्ट और फोटोज को लाइक करने की जॉब ऑफर की थी. इसके बाद इस पूरे खेल को अंजाम दिया है. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला.

कहां से मिलती है अपराधियों को आपकी डिटेल्स?
आपके मन में ये सवाल आ सकता है कि स्कैमर्स को आपकी डिटेल्स कहां से मिली होगी. स्कैमर्स एक दो रिक्रूटमेंट साइट्स पर आपकी डिटेल्स निकालते हैं और फिर आपको कॉन्टैक्ट करते हैं. कई बार ये स्कैमर्स रैंडम लोगों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वर्क फ्रॉम होम के मैसेज भेजते हैं और फिर उन्हें अपने जाल में फंसाते हैं.

कैसे शुरू हुआ खेल?
पुलिस की मानें तो पीड़ितो को एक अनजान नंबर से WhatsApp Message आया था, जिसमें पार्ट टाइम जॉब ऑफर की गई थी. ये मैसेज देखने में काफी प्रोफेशनल था, जिसमें स्कैमर ने कई नाम कंपनियों का नाम लिया था.

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पैसों का दिया लालच
इसमें स्कैमर्स ने 70 रुपये हर इंस्टाग्राम पोस्ट को लाइक करने के लिए ऑफर किया. ठगों ने यूजर को 2000 से 3000 रुपये हर महीने देने के लिए कहा था. कई मामलों में फ्रॉडस्टर्स YouTube Video लाइक करने के लिए भी पैसे देते हैं.

कैसे हुई ठगी?
इस पूरे मामले में स्कैमर्स यूजर को फंसाते हैं और उनसे काम का स्क्रीनशॉट मांगते हैं. यूजर्स को शुरुआत में कुछ पैसे मिलते भी हैं और फिर उन्हें ज्यादा पैसे कमाने का लालच दिया जाता है. इसके बाद स्कैमर्स यूजर्स को एक बड़े टेलीग्राम ग्रुप में ऐड करते हैं. यहां पर यूजर्स को ज्यादा बेनिफिट के लिए क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए कहा जाता है.

स्कैम में पता आखिर में चलता है
शुरुआत में इस इन्वेस्टमेंट से यूजर्स को प्रॉफिट होता है, लेकिन कुछ वक्त बाद उन्हें पैसे निकालने के लिए और ज्यादा इन्वेस्टमेंट करने के लिए कहा जाता है. ये सारी पेमेंट एक फेक क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म पर कराई जाती है, जो स्कैम का एक हिस्सा होता है. लाखों रुपये निवेश करने के बाद जब यूजर्स के हाथ कुछ नहीं लगता है. तब उन्हें पता चलता है कि उनके साथ स्कैम हुआ है.

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