Ajab GazabIndiaTrendingViral

ऐसे फटता है बादल, चंद सेकेंड में आ जाती है तबाही, फोटोग्राफर ने कैमरे में कैद किया अद्भुत नजारा, यहां देखें…

ऐसे फटता है बादल, चंद सेकेंड में आ जाती है तबाही, फोटोग्राफर ने कैमरे में कैद किया अद्भुत नजारा, यहां देखें…
ऐसे फटता है बादल, चंद सेकेंड में आ जाती है तबाही, फोटोग्राफर ने कैमरे में कैद किया अद्भुत नजारा, यहां देखें…

नई दिल्ली: इस वक्त देश के तमाम हिस्सों में भारी बारिश की तस्वीरें आ रही हैं। हिमाचल के कुल्लू में भी बादल फटे हैं। आमतौर पर ये बहुत ही भयानक त्रासदी होती है जिसमें शहर के शहर डूब जाते हैं। मगर इन दिनों एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। इस वीडियो के लेकर अलग-अलग देश के लोग अपने यहां का वीडियो होने का दावा कर रहे हैं मगर ये वीडियो ऑस्ट्रिया का बताया जा रहा है।

अब तक इस वीडियो को 30 लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं। इस वीडियो को वंडर ऑफ साइंस (Wonder Of Science) नाम के ट्वीटर हैंडल से ट्वीट कर दावा किया गया है कि ये लेक मिलस्टैट, ऑस्ट्रिया के ऊपर एक आश्चर्यजनक बादल फटने को फोटोग्राफर पीटर मायर ने कैद किया। वाकई ये हैरत में डाल देने वाला वीडियो है। वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि कैसे आसमान में अचानक एक हलचल होती है और पानी का सैलाब नीचे गिरता है। नीचे सब धुआं-धुआं हो जाता है।

क्‍या है बादल फटना?
दरअसल, ‘बादल फटना’ एक तकनीकी शब्‍द है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार, जब एक जगह पर एक साथ अचानक बहुत बारिश हो जाए तो उसे बादल फटना कहते हैं। इस कॉन्‍सेप्‍ट को समझने के लिए पानी से भरे गुब्‍बारे का उदाहरण लिया जा सकता है। जिस तरह पानी से भरा गुब्‍बारा अगर फूट जाए तो एक साथ एक जगह पानी तेजी से गिरने लगता है। वैसे ही पानी से भरे बादल फटने से पानी की बूंदें अचानक बहुत तेजी से गिरने लगती हैं। इसे ‘क्‍लाउडबर्स्‍ट’ या ‘फ्लैश फ्लड’ भी कहा जाता है। Britannica.com के अनुसार, बादल फटना ‘अचानक, बहुत भारी’ बारिश होना है। यह थोड़े समय के लिए किसी खास स्‍थान पर होती है।

कब फटते हैं बादल?
बादल फटने की घटना तब होती है जब काफी नमी वाले बादल एक जगह ठहर जाते हैं। वहां मौजूद पानी की बूंदें आपस में मिल जाती हैं। बूंदों के भार से बादल की डेंसिटी (घनत्‍व) बढ़ जाती है। फिर अचानक तेज बारिश शुरू हो जाती है। बादल फटना आमतौर पर गरज के साथ होता है।

पहाड़ों पर क्‍यों ज्‍यादा फटते हैं बादल?
दरअसल, पानी से भरे बादल पहाड़ों में फंस जाते हैं। इनकी ऊंचाई बादलों को आगे नहीं बढ़ने देती है। इससे अचानक ही एक साथ एक जगह तेज बारिश होने लगती हैं। पहाड़ों पर पानी न रुकने से यह तेजी से नीचे की तरफ आता है। इसके रास्‍ते में जो आता है वह उसे बहा ले जाता है। भीषण तबाही की यही वजह होती है। 2013 में उत्‍तराखंड में केदारनाथ में आई तबाही को भला कौन भूल सकता है। तब केदारनाथ धाम में भारी बारिश से मंदाकिनी नदी ने प्रचंड रूप धारण कर लिया था।

Leave a Reply