गुरुग्राम : दो जून की रोटी के लिए पूरे देश में भटकने को मजबूर बिहारी मजदूरों के साथ मारपीट और प्रताड़ना के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं. ताजा मामला हरियाणा के गुरुग्राम से सामने आया है. यहां एक 14 साल की लड़की के साथ जो किया गया, उसने सभ्य समाज को कलंकित कर दिया. यहां घर में काम करने वाली नाबालिग लड़की (नौकरानी) को उसके मालिक ने जो सजा दी, उससे रूह कांप जाए. बिहार की रहने वाली बच्ची गुरुग्राम के एक घर में काम करती थी. घर के मालिक द्वारा बच्ची का यौन उत्पीड़न किया गया.
घर के मालिकों ने बच्ची को ना सिर्फ बंधक बनाया, बल्कि उसको तरह-तरह की प्रताड़ना दी. बच्ची को ना सिर्फ तेजाब से जलाया गया और कुत्ते से कटवाया गया, बल्कि निर्वस्त्र करके वीडियो भी बनाया गया. उसके साथ यह सब कुछ 5 महीने तक चलता रहा. इस दौरान बच्ची बाहरी दुनिया से कट गई थी. आखिर पिछले हफ्ते बच्ची को कैद छुड़ाया गया. यह घटना गुरुग्राम के सेक्टर 57 इलाके की है. पुलिस ने बताया कि सेक्टर 57 इलाके में जिस परिवार के लिए वो काम करती थी, उसके सदस्यों ने 13 साल की नाबालिग लड़की को कथित तौर पर पहले पीटा, फिर कुत्ते से कटवाया और कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया गया.
लड़की की मां भी घरेलू सहायिका के रूप में भी काम करती हैं. लड़की ने अपनी मां को बताया कि किस तरह उसके मालिक के दो बेटे उसके साथ गंदी हरकत करते हैं. वे उसके कपड़े उतरवाकर उसका वीडियो बनाते थे. उन्होंने धमकी दी कि अगर उसने भागने की कोशिश की तो वीडियो वायरल कर देंगे. जिसके बाद लड़की की मां ने पुलिस में मामला दर्ज कराया. आरोपियों पर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम और किशोर न्याय अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.
ये पहली घटना नहीं है जब बिहार के मजदूरों के साथ बाहरी प्रदेशों में गलत व्यवहार किया गया हो. अक्टूबर 2018 में 14 महीने की एक लड़की के रेप और हत्या का मामले में बिहारी मजदूर का नाम सामने आने के बाद पूरे गुजरात में बिहारियों के खिलाफ मारपीट का अभियान शुरू हो गया था. 2008 में राज ठाकरे ने महाराष्ट्र से उत्तर भारतीयों को भगाने का अभियान छेड़ा था. हाल ही में तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों को पीटने की खबरें काफी वायरल हुई थीं. इन घटनाओं को लेकर पटना से दिल्ली तक सियासी पारा गरम हो गया था.
इतना सबकुछ होने के बाद भी राज्य सरकार रोजगार को लेकर कुछ खास नहीं कर पा रही है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार से हर साल लगभग 40 लाख लोग पलायन करते हैं. दिसंबर 2022 के रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में बेरोजगारी दर 19 फीसदी से अधिक है. बिहार में पलायन का दूसरी बड़ी वजह काम के बदले कम पैसा मिलना है.