मध्य प्रदेश में एक बार फिर एक ट्रेन को बम से उड़ाने की साजिश रची गई है. इस बार साजिश सेना की ट्रेन को बम से उड़ाने की थी. यह घटना बुरहानपुर के नेपानगर विधानसभा क्षेत्र के सागफाटा का है.
यहां जैसे ही ट्रेन डेटोनेटर के ऊपर से होकर गुजरी, धमाके शुरू हो गए. इससे ट्रेन का ड्राइवर सचेत हो गया और उसने तुरंत स्टेशन मास्टर को सूचित किया. इस प्रकार एक बड़ा ट्रेन हादसा होते होते टल गया. सूत्रों के मुताबिक इस वारदात को अंजाम देने के लिए 18 सितंबर को रेल की पटरी पर 10 डेटोनेटर लगाए गए थे.
घटना सामने आने के बाद से ही ATS और NIA सहित अन्य एजेंसियों के साथ रेलवे और लोकल पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. चूंकि इससे पहले भी मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार में ट्रेन पलटाने की साजिशों का खुलासा हो चुका है. इन सभी मामलों में आतंकी कनेक्शन भी सामने आए थे. ऐसे में केंद्रीय एजेंसियों से लेकर लोकल पुलिस तक इस मामले को हल्के में नहीं ले रही. इस बार आशंका यही जताई जा रही है कि इस साजिश के पीछे किसी आतंकी गिरोह के स्लीपर सेल का हाथ हो सकता है.
जांच में बरती जा रही है गोपनीयता
चूंकि यह पूरा मामला सेना से जुड़ा है, इसलिए मामले की जांच में पूरी गोपनीयता बरती जा रही है. यहां तक कि जांच से जुड़े अधिकारी भी किसी तरह का अपडेट मीडिया के सामने शेयर करने से परहेज कर रहे हैं. हालांकि रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि ट्रैक पर 10 डेटोनेटर लगाए गए थे. रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक यह हादसा 18 सितंबर को जम्मू कश्मीर से कर्नाटक जा रही आर्मी की स्पेशल ट्रेन के साथ हुआ. उस समय यह ट्रेन दोपहर 1:48 बजे सागफाटा रेलवे स्टेशन से निकली ही थी कि धमाके शुरू हो गए.
केंद्रीय एजेंसियों ने अपने हाथ में लिया जांच
लोको पायलट ने तत्काल इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोक लिया और स्टेशन मास्टर को मामले की जानकारी दी. चूंकि यह वारदात सेना की ट्रेन के साथ हुआ, इसलिए रेलवे के अधिकारियों ने तत्काल केंद्रीय जांच एजेंसियों को भी सूचित कर दिया. इसके बाद शनिवार की दोपहर पुलिस विभाग की स्पेशल शाखा डीएसपी, नेपानगर एसडीओपी थाना प्रभारी समेत रेलवे के अधिकारियों ने घटनास्थल का मुआयना किया. वहीं शनिवार को ही देर शाम NIA, ATS सहित अन्य खुफिया की एजेंसियों ने भी मौके पर पहुंच कर जांच को अपने हाथ में ले लिया है.