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दिवाली से पहले मचने वाली है पूरी दुनिया में तबाही, 2024 के जाते-जाते बन रहा है ये अशुभ संयोग..

दिवाली से पहले मचने वाली है पूरी दुनिया में तबाही, 2024 के जाते-जाते बन रहा है ये अशुभ संयोग..
दिवाली से पहले मचने वाली है पूरी दुनिया में तबाही, 2024 के जाते-जाते बन रहा है ये अशुभ संयोग..

India News (इंडिया न्यूज़), Nostradamus Prediction on Surya Grahan 2024: फ्रांस के मशहूर भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस (Nostradamus) अपनी भविष्यवाणियों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने जर्मनी में हिटलर के उदय और अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी (John F. Kennedy) की हत्या समेत कई भविष्यवाणियां पहले ही कर दी थीं, जो बाद में सच साबित हुईं।

बता दें कि नास्त्रेदमस ने हजारों साल पहले ही बता दिया था कि साल 2024 दुनिया के लिए कैसा रहेगा और 2024 में कौन-कौन सी अप्रिय घटनाएं घटेंगी।

जानकारी के अनुसार, साल 2024 का आखिरी सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को लगने जा रहा है, जिसे ज्योतिष और धार्मिक दृष्टि से भी अशुभ माना जाता है। ऐसे में क्या अक्टूबर में लगने वाले सूर्य ग्रहण पर नास्त्रेदमस की डरावनी भविष्यवाणियां सच साबित हो सकती हैं?

किस समय पर लगेगा 2024 का आखिरी सूर्य ग्रहण?

साल 2024 का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को आश्विन अमावस्या के दिन लगेगा। ग्रहण भारतीय समयानुसार, रात 09:13 बजे शुरू होगा और मध्यरात्रि 03:17 बजे समाप्त होगा। रात में होने के कारण यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। लेकिन यह ग्रहण अर्जेंटीना, प्रशांत महासागर, आर्कटिक, दक्षिण अमेरिका, पेरू और फिजी जैसे देशों में दिखाई देगा और यहां इसका प्रभाव भी पड़ेगा।

क्यों शुभ नहीं होता अक्टूबर में लगने वाला सूर्य ग्रहण?

18 सितंबर 2024 को चंद्र ग्रहण लगा था और अब ठीक 15 दिन बाद 2 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। अगर एक पखवाड़े में यानी 15 दिन के अंतराल में दो ग्रहण लगें तो इसे देश-दुनिया के लिए शुभ नहीं माना जाता है। वराहमिहिर द्वारा रचित ग्रंथ बृहत्संहिता के राहुचराध्याय में भी इस बात को लेकर बताया गया था कि जब एक पखवाड़े में दो ग्रहण पड़ते हैं तो तूफान, भूकंप, आगजनी जैसी घटनाओं से बड़े पैमाने पर जनहानि होने की संभावना रहती है।

सूर्य ग्रहण से मिल रहे हैं ऐसे अशुभ संकेत!

ज्योतिषाचार्य और भविष्यवक्ता अनीष व्यास के अनुसार, साल 2024 में लगने वाला सूर्य ग्रहण बहुत अच्छा नहीं माना जा सकता। दरअसल, 2024 में भी वही स्थिति बन रही है जो महाभारत काल 1979 और 2022 में बनी थी। वहीं धार्मिक मत के अनुसार, महाभारत युद्ध से पहले द्वापर युग में कार्तिक मास में एक पखवाड़े में चंद्र और सूर्य ग्रहण पड़ते थे। इसलिए धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से 15 दिन में दो ग्रहण शुभ नहीं माने जाते।

1979 में 22 अगस्त को सूर्य ग्रहण और 6 सितंबर को चंद्र ग्रहण लगा था। यानी 15 दिन में दो ग्रहण लगे, तभी माछू नदी का बांध टूट गया और इस भीषण हादसे में हजारों लोगों की मौत हो गई। इसके बाद 2022 में भी ऐसा ही हादसा हुआ, जब 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण और 15 दिन बाद 8 नवंबर को चंद्र ग्रहण था। उस समय 30 अक्टूबर 2022 को गुजरात के मोरबी में माछू नदी का बैराज टूट गया था और करीब 190 लोगों की मौत हो गई थी।

नास्त्रेदमस की डरावनी भविष्यवाणी और सूर्य ग्रहण कनेक्शन

जैसा कि बताया गया है, पखवाड़े में पड़ने वाला ग्रहण शुभ नहीं माना जाता है। जब भी 15 दिनों में दो ग्रहण होते हैं, तो जनहानि की संभावना होती है। इसके साथ ही नास्त्रेदमस ने 2024 के लिए कई अप्रिय भविष्यवाणियां भी की हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि ये डरावनी भविष्यवाणियां सूर्य ग्रहण के समय यानी अक्टूबर में सच हो सकती हैं!

नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी के अनुसार, साल 2024 में बड़ा आर्थिक संकट आ सकता है। नास्त्रेदमस ने अपनी किताब में लिखा था कि, “गेहूं इतना ऊंचा हो जाएगा कि लोग एक-दूसरे को खा जाएंगे।” वहीं, साल 2024 के लिए नास्त्रेदमस ने भविष्यवाणी की थी कि इस साल दुनिया में गंभीर जलवायु परिवर्तन देखने को मिलेगा। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सितंबर के महीने में अच्छी बारिश के बावजूद महीने के अंत में लोग मई-जून जैसी भीषण गर्मी से परेशान हैं।

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