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चाणक्य नीति के अनुसार भूलकर भी न करें ‘इन’ लोगों से झगड़ा, जिंदगी भर पड़ेगा पछताना…

चाणक्य नीति के अनुसार भूलकर भी न करें ‘इन’ लोगों से झगड़ा, जिंदगी भर पड़ेगा पछताना…
चाणक्य नीति के अनुसार भूलकर भी न करें ‘इन’ लोगों से झगड़ा, जिंदगी भर पड़ेगा पछताना…

Thoughts of Acharya Chanakya: आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों (political and economic issues) सहित जीवन से जुड़ी समस्याओं का समाधान किया है। हर व्यक्ति की अपनी नीतियों को लेकर अलग-अलग विचार और पहलू होते हैं। आचार्य चाणक्य की नीतियां (Acharya Chanakya’s policies) जीवन का सच बोलती हैं, इसलिए लोगों को कठोर लगती हैं। उनके द्वारा सुझाए गए उपाय आपको जीवन की हर परीक्षा में मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य  की नीति (Chanakya Niti) में बताई गई एक नीति अपनों के लिए है। उनके अनुसार व्यक्ति को कभी भी परिवार के सदस्यों, मित्रों, मूर्खों और गुरुओं से झगड़ा नहीं करना चाहिए। आइये देखते हैं कि आखिर आचार्य चाणक्य इस बारे में क्या कहते हैं।

परिवार जीवन का आधार है-
आचार्य चाणक्य (Acharya Chanakya) के अनुसार हर व्यक्ति के जीवन का आधार उसका परिवार होता है। ऐसे में उनसे बहस करने से व्यक्ति को जीवन भर पछताना पड़ सकता है। परिवार के सदस्य ही हमें अच्छे और बुरे के बीच अंतर बताते हैं। ऐसे में उनसे लड़ने के बाद आप सही और गलत में फर्क नहीं कर पाएंगे।  इससे आपके जीवन में बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है।

दोस्ती दुनिया की सबसे बड़ी चीज़ है-
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि दोस्ती दुनिया की सबसे बड़ी चीज है, एक सच्चा दोस्त हर परिस्थिति में आपका साथ देता है और आपको जीवन की हर सच्चाई का एहसास कराता है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति अपने दोस्त से झगड़ा करता है तो वह विश्वास का रिश्ता खो देता है। उसे बाद में जीवन में इसका पछतावा होगा। इसलिए जीवन में कभी भी दोस्तों से झगड़ा ना करें। 

गुरु मार्गदर्शन करते हैं-
चाणक्य नीति कहती है कि जीवन में गुरु ही हमारा मार्गदर्शन करते हैं। गुरु हमें जीवन में अच्छे और बुरे का ज्ञान देते हैं और सही रास्ता चुनने में मदद करते हैं। यदि कोई व्यक्ति अपने गुरु से झगड़ा करता है तो वह गुरु की कृपा से अनभिज्ञ रहता है। उसे ज्ञान देने और मार्गदर्शन देने वाला कोई नहीं होगा। तो उसे जीवन में उचित दिशा और ज्ञान नहीं मिल पाएगा। इससे उस व्यक्ति को नुकसान होगा। इसलिए गुरु से कभी झगड़ा न करें।

मूर्ख से बहस मत करो-
आचार्य चाणक्य के अनुसार कभी भी मूर्ख व्यक्ति से बहस नहीं करनी चाहिए। इससे न केवल आपका समय बर्बाद होगा बल्कि आपकी मानसिक शांति भी छिन जाएगी। ऐसे व्यक्ति को समझना अपने पैरों पर पत्थर गिराने जैसा है। इसके अलावा इसका असर आपकी छवि पर भी पड़ सकता है।

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