जिस बात का था डर वही चर्चा शुरू! मोदी सरकार से तालमेल पर उमर अब्दुल्ला ने सामने रखी अपनी राय….

जिस बात का था डर वही चर्चा शुरू! मोदी सरकार से तालमेल पर उमर अब्दुल्ला ने सामने रखी अपनी राय….

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के रिजल्ट घोषित किए जा चुके हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन ने 90 सीटों में से 49 सीटों पर जीत हासिल की है. जीत हासिल करने के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुखिया फारूक अब्दुल्ला ने ऐलान कर दिया कि उमर अब्दुल्ला मुख्यमंत्री होंगे.

हालांकि उमर ने मुख्यमंत्री को लेकर साफ कर दिया है कि इसका फैसला विधायक दल की बैठक में लिया जाएगा. उन्होंने जम्मू-कश्मीर और केंद्र के बीच किस तरह का तालमेल रहेगा इस पर भी बात की है.

केंद्र शासित प्रदेश में सरकार बनने के बाद केंद्र के साथ समन्वय पर एनसी उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा, “सरकार बनने दीजिए. यह बात सीएम से पूछिए जो चुने जाएंगे. मेरा सुझाव है कि नई दिल्ली के साथ समन्वय करना जरूरी है. हमारे मुद्दे और मुश्किलें दिल्ली से लड़ने से हल नहीं होंगी. हम बीजेपी की राजनीति को स्वीकार नहीं करेंगे और बीजेपी हमारी राजनीति को स्वीकार नहीं करेगी, हम बीजेपी के साथ प्रतिद्वंद्विता करेंगे, लेकिन केंद्र से लड़ना हमारी मजबूरी नहीं है.’

उपराज्यपाल के हस्तक्षेप को लेकर क्या बोले उमर?

समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि केंद्र के साथ उचित संबंध जम्मू-कश्मीर और जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए अच्छे होंगे. जम्मू-कश्मीर के लोगों ने लड़ाई के लिए वोट नहीं दिया है, उन्होंने इसलिए वोट दिया है क्योंकि वे रोजगार, प्रगति, राज्य का दर्जा, बिजली आपूर्ति में राहत और अन्य मुद्दों का समाधान चाहते हैं.’

जम्मू-कश्मीर में उपराज्यपाल के हस्तक्षेप के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘हमारे और दिल्ली में फर्क है. दिल्ली कभी पूर्ण राज्य नहीं रही या दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने का वादा किसी ने नहीं किया. हम एक पूर्ण राज्य थे. हमें पूर्ण राज्य का दर्जा देने का वादा किया गया था. यहां हुकूमत बनते ही कैबिनेट का पहला फैसला ये होगा कि वो एक संकल्प कैबिनेट की ओर से पास करें कि केंद्र को अब जम्मू-कश्मीर में पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए.’

पीडीपी से गठबंधन को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई- उमर

पीडीपी के साथ गठबंधन को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष ने कहा, ‘PDP ने हमसे कोई संपर्क नहीं किया है, हमने उनसे कोई संपर्क नहीं किया है. मुझे लगता है कि फिलहाल चुनावों के नतीजों को देखते हुए उनकी बहुत सारी आंतरिक चर्चा चल रही होगी. अगर कोई संचार स्थापित किया जाता है तो हम बैठकर उनसे बात करेंगे, लेकिन फिलहाल यह हमारे लिए प्राथमिकता नहीं है.’

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