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शादी से पहले दूल्हा-दुल्हन को क्यों लगाते हैं मेहंदी? जाने इसकी धार्मिक और वैज्ञानिक वजह

शादी से पहले दूल्हा-दुल्हन को क्यों लगाते हैं मेहंदी? जाने इसकी धार्मिक और वैज्ञानिक वजह
शादी से पहले दूल्हा-दुल्हन को क्यों लगाते हैं मेहंदी? जाने इसकी धार्मिक और वैज्ञानिक वजह

भारत में जब शादी होती है तो उसमें कई तरह की रस्में निभाई जाती है। हर रस्म के पीछे एक धार्मिक वजह भी होती है। आज हम आपसे मेहंदी रस्म की बात करेंगे। हर हिंदू शादी में ये रस्म जरूर होती है। इस दौरान दुल्हन अपने हाथों पर सुंदर डिजाइन वाली मेहंदी लगवाती है। सिर्फ दुल्हन ही नहीं बल्कि दूल्हा भी हाथ और पैरों में मेहंदी लगवाता है। ऐसे में क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर ये मेहंदी की रस्म क्यों होती है? इस मेहंदी को लगाने के पूछे क्या वजह हो सकती है? आज हम इस पर खुलकर चर्चा करेंगे।

इस कारण शादी में लगाते हैं मेहंदी

दरअसल शादी के दौरान हाथ और पैर में मेहंदी लगाने की रस्म का न सिर्फ धार्मिक बल्कि सामाजिक महत्व भी होता है। इस मेहंदी को सुंदरता और अच्छे भाग्य का प्रतीक माना जाता है। मेहंदी लगने के बाद दुल्हन की खूबसूरती और भी निखर जाती है। वहीं ये मेहंदी सौभाग्य का प्रतीक भी होती है। मतलब इसे लगाने से अच्छा भाग्य मिलता है। हिंदू धर्म में अक्सर 16 श्रृंगारों की बात होती है। मेहंदी भी इसमें से एक है।

मेहंदी के रंग को लेकर भी कई तरह की मान्यताएं होती है। जैसे कहा जाता है कि यदि मेहंदी का रंग चटक लाल होता है तो दुल्हन को अपने दूल्हे राजा से अच्छा खासा प्यार दुलार मिलता है। उसकी शादीशुदा लाइफ बड़ी अच्छी चलती है। उसे शादी के बाद कोई दिक्कत नहीं आती है। वह ज्यादा सुखी रहती है। इसलिए सभी यही कोशिश करते हैं कि शादी की मेहंदी का रंग चटक लाल ही आए।

जैसा कि हमने आपको बताया ये मेहंदी दूल्हा और दुल्हन दोनों के लिए भाग्यशाली मानी जाती है। इससे इनका सुनहरा भविष्य बनता है। लाइफ में तरक्की होती है। पैसों की कोई कमी नहीं होती है। घर संसार में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। तो अब आप जान चुके हैं कि शादी से पहले मेहंदी लगाना कितना जरूरी होता है। वैसे सिर्फ धार्मिक ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक कारणों के चलते भी शादी में मेहंदी लगाना बड़ा लाभकारी होता है।

मेहंदी लगाने का वैज्ञानिक कारण

शादी से पहले अक्सर दूल्हा और दुल्हन घबरा जाते हैं। वह मानसिक तनाव में आ जाते हैं। यह मेहंदी उन्हें शांत करने का काम करती है। मेहंदी का स्वभाव ठंडा होता है। यह बॉडी के तापमान को नियंत्रित करती है। इससे शरीर को ठंडक मिलती है। वहीं प्राचीन समय में मेहंदी को आयुर्वेदिक औषधि के रूप में भी यूज किया जाता था। बस इन सभी कारणों की वजह से दूल्हा दुल्हन को मेहंदी लगाना बड़ा ही लाभकारी माना जाता है।

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ऐसे रचेगी चटक लाल मेहंदी

यदि आप मेहंदी का रंग अच्छे से रचाना चाहते हैं तो मेहंदी सूखने के बाद नींबू का रस और चीनी के मिक्सचर को कॉटन की मदद से मेहंदी पर लगाएं। आप चाहे तो मेहंदी सूखने के बाद घर के अचार में मौजूद सरसों के तेल को भी लगा सकते हैं। इसके अलावा तवे पर धीमी आंच पर चार पांच लौंग रखकर मेहंदी के हाथों को धुआं देने से भी इसका रंग अच्छा निखरकर सामने आता है।

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