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छाती में दर्द है तो हार्ट अटैक ही नहीं इन बीमारियों के भी हो सकते हैं लक्षण…

छाती में दर्द है तो हार्ट अटैक ही नहीं इन बीमारियों के भी हो सकते हैं लक्षण…
छाती में दर्द है तो हार्ट अटैक ही नहीं इन बीमारियों के भी हो सकते हैं लक्षण…

आमतौर पर छाती में दर्द उठने पर लोग हार्ट अटैक की संभावनाओं की वजह से परेशान हो जाते हैं। उनके लिए छाती का दर्द मतलब दिल का दौरा ही होता है जबकि सीने का दर्द हार्ट अटैक के अलावा कई अन्य किस्म की बीमारी का भी लक्षण होता है। छाती के दर्द के कई कारण हो सकते हैं। पेट में अल्सर, गैस्टिक और टीबी जैसे रोग भी सीने में दर्द के कारक हैं इसलिए इसे हमेशा हार्ट अटैक से जोड़कर डरने की जरुरत नहीं है। हालांकि सीने में किसी भी तरह का दर्द नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है, इसलिए ऐसी किसी भी समस्या का पता चलते ही डॉक्टर से संपर्क करने में ही भलाई है।कभी कभी ऐसा होता है कि धमनियों के सिकुड़ने के कारण रक्त के आवागमन में बाधा पहुंचती है और धमनियों में रक्त का थक्का बनने लगता है जिससे ऑक्सीजन दिल तक नहीं पहुंच पाता। ऐसी स्थिति में सांस लेने में मुश्किल होने लगती है और सीने में दर्द शुरु हो जाता है। इस तरह की बीमारी को एनजाइना कहा जाता है। एनजाइना पर यदि समय रहते नियंत्रण नहीं पाया गया तो जिंदगी का भी खतरा रहता है। इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर भी सीने में दर्द का कारक होता है। कभी-कभी किसी चीज से बहुत ज्यादा डर जाने पर, सदमा लगने पर भी धड़कन बढ़ने के साथ-साथ दिल में दर्द होने लगता है।

अत्यधिक तनाव भी सीने में दर्द का कारण होता है। हृदय मज्जा और तंतुओं से बना होता है। अतः इनमें किसी भी प्रकार का विकार उत्पन्न होनें पर सीने में तकलीफ बढ़ जाती है। साथ ही थकान , सांस लेने में तकलीफ और चक्कर आने जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं। कुल मिलाकर हृदय तक रक्त पहुंचाने वाली धमनियों में किसी भी तरह का विकार सीने में दर्द को जन्म देता है। यह धमनियां रक्त के माध्यम से हृदय को ऑक्सीजन की आपूर्ति करती हैं। जब हृदय को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिलता तब सीने में दर्द उठना शुरु हो जाता है। इन सारी परेशानियों से बचने के लिए नियमित खान-पान और व्यायाम जरुरी है।

तेज कदमों से चलना, बैडमिंटन या टेनिस खेलना, सीढ़ियां चढ़ना जैसे छोटे-मोटे व्यायाम सीने में दर्द की संभावना को कम करने में सहायक हो सकते हैं। इसके अलावा खान-पान में फाइबर की मात्रा बढ़ाकर तथा कैलोरी की मात्रा कम करके भी सीने से संबंधित विकारों से बचा जा सकता है। धूम्रपान हृदय के लिए सबसे ज्यादा घातक है इसलिए इसे छोड़ना सबसे ज्यादा जरुरी है। हमेशा खुश रहकर भी हृदय संबंधी बीमारियों में लाभ पाया जा सकता है।

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