Property in Mumbai: मुंबई को सपनों का शहर कहा जाता है. देशभर के बड़े उद्योगपति और फिल्म स्टार इस मायानगरी में शान से रहते हैं. लेकिन, यहां आम आदमी का रहना बड़ा मुश्किल होता है क्योंकि यहां मकानों की कीमत बहुत ज्यादा होती है.
घर खरीदना तो दूर इस शहर में किराये से रहना ही बहुत बड़ी बात है. मुंबई को घर के किराये के मामले में देश के सबसे महंगे शहरों में स्थान दिया गया है. रियल एस्टेट डेवलपर्स की टॉप बॉडी क्रेडाई-एमसीएचआई की एनुअल रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई में आवास के लिए एवरेज एनुअल रेंट के तौर पर 1 बीएचके अपार्टमेंट के लिए ₹5.18 लाख तक खर्च करना पड़ सकते हैं. हैरान करने वाली बात है कि 5 लाख रुपये सालाना किसी अच्छी कंपनी में जूनियर स्तर के कर्मचारियों का एनुअली पैकेज होता है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि मुंबई में किराये की बढ़ती लागत से नौकरीपेशा और प्रतिभावान लोगों का पलायन हो सकता है क्योंकि इन पेशेवरों को बचत और वित्तीय स्थिरता के लिए किफायती शहरों में रहने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है.
मुंबई में मकान किराया दिल्ली-बेंगलुरु से दोगुना ज्यादा
मुंबई की तुलना में, 1 बीएचके अपार्टमेंट के लिए बेंगलुरु और दिल्ली-एनसीआर में औसत वार्षिक किराये की लागत लगभग आधी है, जो क्रमशः ₹2.32 लाख और ₹2.29 लाख है. रिपोर्ट में कहा गया है कि बेंगलुरु और दिल्ली में कर्मचारियों का औसत वार्षिक वेतन क्रमशः ₹5.27 लाख और ₹4.29 लाख है. ऐसे में यहां अच्छे से गुजारा हो सकता है.
लेकिन मुंबई में नौकरीपेशा लोगों को रहना बड़ा महंगा पड़ता है. रिपोर्ट के अनुसार, मध्य स्तर के कर्मचारी, जो आमतौर पर 2 बीएचके अपार्टमेंट किराए पर लेते हैं, सालाना औसतन ₹15.07 लाख कमाते हैं और मुंबई में किराए पर औसतन प्रति वर्ष ₹7.5 लाख खर्च करते हैं.
दूसरी ओर, बेंगलुरु में, ₹16.45 लाख का वार्षिक वेतन पाने वाले 2 बीएचके में रहने वाले मध्य स्तर के कर्मचारी किराए पर सालाना ₹3.90 लाख खर्च करते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में मिड लेवल के नौकरीपेशा का औसत वेतन ₹14.07 लाख है और औसत वार्षिक किराया ₹3.55 लाख है.
रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई में वरिष्ठ स्तर के कर्मचारियों का औसतन सालाना वेतन 33.95 लाख रुपये है. यह माना जाता है कि वे 3 बीएचके अपार्टमेंट में रहते हैं और किराए पर प्रति वर्ष औसतन ₹14.05 लाख खर्च करते हैं.
प्रॉपर्टी के मामले सबसे महंगी मुंबई
रिपोर्ट के अनुसार, आवासीय रियल एस्टेट परियोजनाओं के लिए मुंबई का प्रीमियम दिल्ली-एनसीआर से 25 गुना अधिक, हैदराबाद से 50 गुना अधिक, बेंगलुरु से 47 गुना अधिक और चेन्नई और पुणे से 9 गुना अधिक है.
औसतन, मुंबई में एक डेवलपर 1 वर्ग मीटर विकसित करने के लिए प्रीमियम के रूप में अनुमोदन लागत के रूप में ₹54,221 का भुगतान करता है. दिल्ली एनसीआर में, लागत केवल ₹2,166 है, चेन्नई, बेंगलुरु और हैदराबाद में यह सीमा ₹ 1,071 से ₹5,466 तक तक है.