75 साल की उम्र में रतन टाटा ने टाटा समूह के अध्यक्ष पद से रिटायर होने का फैसला किया और साइरस मिस्त्री को अगला अध्यक्ष नियुक्त किया हालांकि कुछ समय बाद मिस्त्री को हटाकर एन चंद्रशेखरन को ये जिम्मेदारी सौंपी गई रतन टाटा को उनके योगदान के लिए कई सम्मान मिले हैं बताते चलें रतन टाटा का नाम भारत के सबसे सम्मानित और सफल उद्योगपति में शामिल हैं उनका जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुंबई में हुआ.
उनका हाल ही में 86 साल की उम्र में निधन हो गया उनके पिता नवल टाटा माता सुनी टाटा थे जब रतन टाटा मात्र 7 साल के थे उनके माता पिता का तलाक हो गया जिसके बाद उनकी परवरिश उनकी दादी नवाजबाई टाटा ने की है रतन टाटा की प्रारंभिक शिक्षा मुंबई से हुई लेकिन उच्च शिक्षा के लिए वो अमेरिका चले गए उन्होंने कर्नल यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर का डिग्री हासिल की और उसके बाद हार्वर्ड बिज़नेस स्कूल से 1975 में एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम भी पूरा किया.
रतन टाटा ने अपने करियर की शुरुआत टाटा स्टील में बतौर श्रेणी के तौर पर की उन्होंने निचले स्तर पर खदानों और ब्लास्ट फर्नेस में काम किया जिससे ये साबित हुआ कि वो किसी भी काम को करने में पीछे नहीं हटते उनके कठिन परिश्रम और समर्पण ने उन्हें टाटा समूह के कई महत्वपूर्ण कंपनियों की जिम्मेदारी सौंपी रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कदम बढ़ाएं.
उन्होंने जैगुवार लैंडरोवर टेटली चाय और स्टील जैसी कंपनियों का अधिग्रहण किया ये कदम न केवल टाटा समूह के विस्तार का प्रतीक था बल्कि उन्होंने भारत को विश्व व्यापार के मंच पर नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है 75 साल की उम्र में रतन टाटा ने टाटा समूह के अध्यक्ष पद से रिटायर होने का फैसला किया और साइरस मिस्त्री को अगला अध्यक्ष नियुक्त किया.
हालांकि कुछ समय बाद मिस्त्री को हटाकर एन चंद्रशेखरन को को ये जिम्मेदारी सौंपी गई रतन टाटा को उनके योगदान के लिए कई सम्मान मिले हैं उन्हें 2000 में पद्म भूषण और 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है ये पुरस्कार देश के प्रति उनके अमूल्य योगदान का प्रतीक है फिलहाल इस खबर पर आप क्या कहेंगे हमें कमेंट में जरूर बताएं