नई दिल्ली। चंद दिन पहले तक पूछा जाता था कि कितना बनाया? लेकिन अब पूछा जा रहा है कि कितना डूबा? क्योंकि शेयर बाजार में पिछले कुछ हफ्तों से लगातार पैसे डूब रहे हैं. वर्षों तक इंतजार के बाद कई निवेशकों का पोर्टफोलियो (Portfolio) हरा हुआ था, वो सब एक महीने के अंदर ही लाल रंग में पटा पड़ा है. अधिकतर रिटेल निवेशकों का यही कहना है कि सालभर में जो भी कमाई हुई थी, वो सब चंद दिन की गिरावट में साफ हो गई. यही मायने में कोविड के बाद इस तरह की गिरावट पहली बार देखी जा रही है.
दरअसल, सबसे ज्यादा रिटेल निवेशकों (Retail Investor) में हाहाकार मचा है. ये हम नहीं, डेटा चिल्ला-चिल्लाकर कह रहा है. पिछले एक महीने का डेटा यही गवाह दे रहा है कि बाजार बेहद बुरे दौर से गुजर रहा है. हर सुबह निवेशकों को यही लगता है कि अब बाजार में तेजी आएगी. लेकिन बिकवाली हर रोज हावी हो जा रहा है, और निवेशकों की गाढ़ी कमाई डूब रही है. ऐसे में निवेशक कह रहे हैं कि दिवाली से पहले मां लक्ष्मी शेयर बाजार से इतनी नाराज क्यों हो गई हैं.
शेयर बाजार में भारी गिरावट
पिछले 1 महीने में चुनिंदा मिडकैप-स्मॉलकैप शेयर 50% तक टूट चुके हैं. अगर इंडेक्स की बात करें तो सेंसेक्स (Sensex) ऑल टाइम हाई से करीब 6500 अंक और निफ्टी (Nifty) करीब 2100 अंक नीचे आ गए हैं. निफ्टी 8% से ज्यादा गिर चुका है, जबकि सेंसेक्स भी 8% फिसला है. सेक्टर के तौर पर डिफेंस इंडेक्स (Defence Index) शिखर से 26% गिर चुका है. वहीं ऑटो सेक्टर में 14% और कैपिटल गुड्स में 13.5% की गिरावट दर्ज की गई है.
पिछले एक महीने में कितना नुकसान हुआ, इसका आंकड़ा झकझोर देने वाला है. इस बिकवाली के तूफान में महीने भर के अंदर निवेशकों के 40 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो चुके हैं. 27 सितंबर 2024 को BSE का मार्केट कैप (Market Cap) करीब 477 लाख करोड़ रुपये था, जो 25 अक्टूबर को गिरकर 437 लाख करोड़ पर आ गया है.
अब नुकसान को इस तरह से भी देख सकते हैं कि वित्त वर्ष 2023-24 में जीएसटी कलेक्शन (GST Collection) कुल 20.18 लाख करोड़ रुपये रहा था. जबकि पिछले एक महीने में निवेशकों के 40 लाख करोड़ रुपये बाजार में डूब चुके हैं, ऐसे में सरकार सालभर में जीएसटी से जितनी आमदनी हुई थी, उससे दोगुनी राशि पिछले एक महीने के अंदर बाजार में डूब चुके हैं.
मुनाफावसूली एक बड़ा कारण
अब सवाल उठता है क आखिर में बाजार इतना क्यों गिर रहा है, और कहां जाकर सपोर्ट ले सकता है. जानकारों की मानें बाजार में बड़ी तेजी के बाद मुनाफावसूली हो रही है. इसलिए अभी निवेश करते समय बहुत सावधान रहना होगा. बाजार में गिरावट के कुछ अहम कारण ये हैं…
– विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में तेजी से बिकवाली कर रहे हैं. वो भारत जैसे इमर्जिंग मार्केट से पैसा निकालकर चीन में लगा रहे हैं. केवल अक्टूबर महीने में ही विदेशी निवेशक 1.08 लाख करोड़ रुपये बाजार से निकाल चुके हैं. क्योंकि फिलहाल वैल्यूवेएशन में भारत के मुकाबले चीन का बाजार थोड़ा सस्ता है.
– कई बड़ी कंपनियों की दूसरी तिमाही के नतीजे खराब आ रहे हैं, जिससे शेयरों की जमकर पिटाई हो रही है. इससे भी बाजार का सेंटीमेंट लगातार बिगड़ रहा है. खासकर ऑटो सेक्टर, FMCG और कुछ टेक कंपनियों के रिजल्ट ने बाजार को तगड़ा झटका दिया है.
– पिछले एक-डेढ़ साल में फंडामेंटली स्टॉक्स में अच्छी-खासी तेजी देखने को मिली, लेकिन इस भीड़ में कुछ ऐसे शेयर भी खूब भागे, जिसके बढ़ने के कोई खास कारण नहीं थे. खासकर सरकारी कंपनियां के शेयर, रेलवे शेयर, न्यू टेक्नोलॉजी कंपनियों के शेयर और सरकारी बैंकों के शेयरों में खूब तेजी देखने को मिली थी. जो कि ग्रोथ से मैच नहीं कर रहा था. खासकर मिडकैप और स्मॉलकैप सेगमेंट में कुछ शेयर बेतहाशा भागे थे, अब ऐसे शेयरों की खूब पिटाई हो रही है. खासकर महंगे वैल्यूवेएशन वाले शेयरों में बिकवाली हावी है, और ऐसे शेयर अपने हाई से 50 फीसदी तक टूट चुके हैं.
कहां जाकर रुकेगी गिरावट?
जानकारों की मानें बाजार बिकवाली जोन में है, लेकिन निफ्टी के लिए पहला सपोर्ट 24000 अंक पर है, उसके बाद मजबूत सपोर्ट 23800 अंक पर है, जहां से बाजार का मूड बदल सकता है.