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रतन टाटा की वसीयत का खुलासा, अपने कुत्ते के लिए कर गए ये बड़ा काम!

रतन टाटा की वसीयत का खुलासा, अपने कुत्ते के लिए कर गए ये बड़ा काम!
रतन टाटा की वसीयत का खुलासा, अपने कुत्ते के लिए कर गए ये बड़ा काम!
Ratan Tata’s will revealed, he did this big thing for his dog!

नई दिल्‍ली। रतन टाटा की वसीयत का खुलासा हो गया है, जिसमें कुछ ऐसे नाम शामिल हैं जो बेहद चौंकाने वाले हैं. उनकी वसीयत में उनके पालतू डॉग का भी नाम शामिल है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, रतन टाटा (Ratan Tata) ने अपनी वसीयत में पेट डॉग टीटो (Tito) का नाम भी शामिल किया है. वसीयत में उनके दूसरे सहायक, सुब्बैया का भी जिक्र है. इसके अलावा शांतनु नायडू का भी नाम है.

रतन टाटा की कुल दौलत (Ratan Tata Net Worth) का अनुमान 10,000 करोड़ रुपये से अधिक लगाया गया है. उन्‍होंने अपनी संपत्ति अपने फाउंडेशन, भाई जिमी टाटा, सौतेली बहनों शिरीन और डीनना जीजीभॉय, हाउस स्टाफ और अन्य लोगों को भी दिया है. रतन टाटा की संपत्तियों में अलीबाग में 2000 वर्ग फट समुद्र किनारे वाला बंगला, मुंबई में जुहू तारा रोड पर 2 मंजिला घर, 350 करोड़ रुपये से अधिक की फिक्स डिपोजिट और 165 अरब डॉलर के टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस में 0.83% हिस्सेदारी शामिल है. ये सभी रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन को दिया जाएगा.

रतन टाटा के वसीयत में पेट डॉक को क्‍या?
टाओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, रतन टाटा ने अपनी वसीयत में अपने जर्मन शेफर्ड टीटो की आजीवन देखभाल की बात कही है. रतन टाटा ने अपनी वसीयत में कथित तौर पर अपने प्रिय जर्मन शेफर्ड, टीटो की आजीवन देखभाल सुनिश्चित की है, जो रतन टाटा की गहरी करुणा को पूरी तरह से दर्शाता है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, टीटो, टाटा के लंबे समय के रसोइये राजन शॉ की देखभाल में रहेंगे.

टाटा की जानवरों के प्रति प्रेम की कहानी 2018 में तब मशहूर हुई, जब उन्होंने बीमार कुत्ते के पास रहने के लिए किंग चार्ल्स III से शाही सम्मान लेने से मना कर दिया. टाटा को बकिंघम पैलेस में तत्कालीन प्रिंस ऑफ वेल्स से लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड मिलना था.

”मैं उसे छोड़कर नहीं आ सकता”
टाटा के करीबी मित्र, व्यवसायी सुहेल सेठ ने ये कहानी शेयर करते हुए बताया कि टाटा इस समारोह में भाग लेने के लिए पूरी तरह से तैयार थे, यहां तक ​​कि इस कार्यक्रम के लिए UK में भी सुर्खियां बटोरीं. हालांकि समारोह से कुछ दिन पहले, टाटा के कुत्तों में से एक, टैंगो या टीटो, गंभीर रूप से बीमार पड़ गया. उस समय सेठ लंदन पहुंच चुके थे, रतन टाटा की ओर से 11 मिस्ड कॉल आए थे. जब उन्होंने कॉल का उठाया, तो टाटा ने बस इतना कहा, “मैं उसे छोड़कर नहीं आ सकता.” सेठ के आग्रह के बावजूद, टाटा दृढ़ रहे, और अपने कुत्ते के साथ रहने के लिए अपनी यात्रा रद्द कर दी.

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