अभी तक आपने सफ़ेद, काले चावल के बारे में जाना होगा किन्तु आज मैं आपको लाल चावल के बारे में बताने जा रहा हूँ। सबसे पहले बात करते हैं कि चावल कैसे और कहाँ से मिलाता है। दोस्तों धान के बीज को चावल कहते हैं।
यह धान से ऊपर का छिलका हटाने से प्राप्त होता है। चावल सम्पूर्ण पूर्वी जगत में प्रमुख रूप से खाए जाने वाला अनाज है। भारत में भात, खिचड़ी सहित काफी सारे पक्वान्न बनते हैं। चावल का चलन दक्षिण भारत और पूर्वी-दक्षिणी भारत में उत्तर भारत से अधिक है।
इसे संस्कृत में ‘तण्डुल’ कहा जाता है और तमिल में ‘अरिसि’ कहा जाता है। इसे कभी-कभार ‘षड्रस’ भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें में स्वाद के छहों प्रमुख रस मौजूद हैं। सांस्कृतिक हिंदी में पके हुए चावल को भात कहा जाता है, किन्तु अधिकतर हिन्दी भाषी ‘भात’ शब्द का प्रयोग कम ही करते हैं। लाल चावल में ना सिर्फ फाइबर मौजूद होता है बल्कि इसमें विटामिन, कैल्शियम, आयरन, थायमीन और मिनरल्स जैसे पोषक तत्व भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। यही वह वजह है जिसके कारण अगर कोई इंसान लाल चावल को महीने में सिर्फ 3 भी खाता है तो 70 साल तक उसकी ताकत बरकरार रहेगी।
लाल चावल की परत में उच्च मात्रा में रेशा, विटामिन बी, खनिज पदार्थ एवं आवश्यक वसीय अम्ल होते हैं जो कि प्रसंस्करण प्रक्रिया के समय नष्ट हो जाते हैं। प्रसंस्करण और मिलिंग प्रक्रिया में 67 प्रतिशत नियासिन, 80 प्रतिशत थॉयमिन व 90 प्रतिशत तक पाइरीडाक्सीन नामक विटामिन नष्ट हो जाते हैं। लाल चावल आयरन और जिंक की कमी से होने वाले अनीमिया रोग को दूर करेता है। प्रोटीन से भरपूर लाल चावल की फसल हिमाचल में कांगड़ा सहित आसपास के क्षेत्रों में अधिक पाए जाते हैं। लाल चावल में आयरन, जिंक और एंटीऑक्साइड भारी मात्रा में पाया जाता है। यह गर्भवती स्त्रियों के लिए बहुत ज्यादा उपयोगी है। लाल चावल में आम चावल के मुकाबले आयरन, जिंक और मैगनीज की मात्रा अधिक होती है।
यही अच्छाई इसके शोध का आधार थी। कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने इस पर शोध कर अप्रैल में असम में हुई ऑल इंडिया राइस कांफ्रेंस में शिमला की छोहारटू किस्म को पेटेंट कराया था। लाल चावल में पाए जानेवाले पोषक तत्वों के कारण इसका इस्तेमाल मोटापे, मधुमेह, कैंसर और पेट से संबंधित बीमारियों के इलाज में किया जाता है। इस सब के अलाबा लाल चावल बहुत ही ताकतवर माना जाता है। इसका सेवन अगर महीने में 3 दिन भी किया जाय तो आपकी माशपेशियाँ इतनी ज्यादा मजबूत हो जातीं हैं कि 70 साल की उम्र तक आपकी ताकत में कमी नहीं आयेगी। लाल चावल खून को बढ़ाने वाला और हड्डियों को मजबूत करने वाला होता है।