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5 कहानियां जो बताता हैं पापा ही होते हैं बेटियों के सुपरहीरो, जिन्हें पढ़कर हर किसी की आंखें हो जाएगी नम

5 कहानियां जो बताता हैं पापा ही होते हैं बेटियों के सुपरहीरो, जिन्हें पढ़कर हर किसी की आंखें हो जाएगी नम
5 कहानियां जो बताता हैं पापा ही होते हैं बेटियों के सुपरहीरो, जिन्हें पढ़कर हर किसी की आंखें हो जाएगी नम
5 Father Stories that will make your eyes moist after reading them

Father Stories : पिता अपने बच्चों के प्रति अपने प्यार का इजहार नहीं करते। वे कभी भी अपने बच्चों से खुलकर अपने मन की बात नहीं कह पाते लेकिन उनका पूरा जीवन इन बच्चों के भले के बारे में सोचने में बीत जाता है। अगर एक पिता (Father Stories) को होश आ जाए तो वह अपने बच्चे को कभी गिरने नहीं देता। बेटियों के मामले में पिता हमेशा दीवार बनकर खड़े रहते हैं और इतना ही नहीं उनकी सफलता में अपना अथक प्रयास भी करते हैं।

1. डॉक्टर पिता की प्रेरणा से बेटी बनी डॉक्टर

Father Stories

पेशे से डॉक्टर प्रकाश खेतान प्रयागराज के जाने-माने न्यूरोसर्जन हैं। उन्होंने अपनी 18 वर्षीय बेटी मिताली को मेडिकल प्रवेश परीक्षा पास कराने के उद्देश्य से 49 साल की उम्र में नीट की परीक्षा दी और उसे पास भी कर लिया। जिसके बाद उनकी (Father Stories) बेटी ने नीट 2023 की परीक्षा में उनसे ज्यादा अंक हासिल किए।

डॉ. प्रकाश खेतान ने नीट यूजी 2023 में अपनी बेटी के साथ प्रवेश परीक्षा दी थी। उन्हें 89 प्रतिशत अंक मिले जबकि बेटी ने 90 प्रतिशत से ज्यादा अंक हासिल किए हैं। अब उनकी बेटी को कर्नाटक के मणिपाल स्थित कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में दाखिला मिल गया है।

2. बैंड-बाजों से लेकर आए बेटी को ससुराल से

झारखंड के रांची के कुम्हार टोली कैलाश नगर निवासी प्रेम गुप्ता को जब पता चला कि उनकी बेटी को ससुराल में प्रताड़ित किया जा रहा है तो वे चुप नहीं बैठे। वे बैंड-बाजा और आतिशबाजी के साथ अपनी बेटी के ससुराल पहुंचे और उसे विदा कर अपने घर वापस ले आए। उन्होंने बताया कि उन्होंने बड़ी उम्मीदों के साथ अपनी बेटी (Father Stories) को पालकी में बिठाकर बड़े धूमधाम से ससुराल विदा किया था, लेकिन उसका पति बुरा इंसान निकला, जिसके कारण बेटी ससुराल में घुटन भरी जिंदगी जी रही थी।

पिता अपनी बेटी का दर्द नहीं देख पा रहे थे। जिसके बाद उन्होंने फैसला किया कि जैसे उन्होंने धूमधाम से उसकी शादी की थी, उसी तरह वे बैंड-बाजा और बारातियों के साथ जाकर अपनी बेटी को ससुराल से वापस अपने घर लाएंगे।

3. बेटी के पीरियड पर मनाया जश्न

लड़कियों के लिए पहला पीरियड आसान नहीं होता। इसे लेकर उनके मन में कई सवाल और डर होते हैं। ऐसे में अगर हर बेटी को जितेंद्र भट्ट जैसा पिता मिले तो इस पर बवाल मचाने की बजाय हर कोई इसे सामान्य प्रक्रिया मानेगा। दरअसल, जब पिता (Father Stories) जितेंद्र की बेटी को पहली बार माहवारी हुई तो उन्होंने इस मौके पर जश्न मनाया।

संगीत शिक्षक जितेंद्र ने बताया कि जब वह छोटे थे तो उन्हें इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी। जब उन्हें इसके बारे में पता चला तो उन्होंने देखा कि जब किसी लड़की या महिला को माहवारी होती है तो उसे नीची नजर से देखा जाता है और अगर वह उन दिनों में किसी वस्तु को छू लेती है तो उसे अपवित्र माना जाता है।

4. ड्राईवर पिता का बेटी ने किया सपना पूरा

मध्य प्रदेश के विदिशा की सना अली ने अपने पिता का सपना पूरा किया है। उनके पिता हमेशा से चाहते थे कि उनकी बेटी बड़ी होकर देश की सेवा करे। ड्राइवर पिता की इस (Father Stories) बेटी का जब सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र इसरो के लिए चयन हुआ तो परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई।

विदिशा के निकासा मोहल्ले में अपने परिवार के साथ रहने वाली सना अली ने इसरो में चयन होने के बाद वहां टेक्निकल असिस्टेंट का पद संभाला। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण उन्हें पढ़ाई के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा। इन संघर्षों के बावजूद भी उसके पिता सना की पढ़ाई से कभी पीछे नहीं हटे। यहां तक ​​कि उन्होंने उसकी (Father Stories) पढ़ाई के लिए घर के जेवर भी गिरवी रख दिए।

5. मजदूर पिता ने बेटी को बनाया डॉक्टर

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अलवर की रहने वाली नेहा ने अपने पिता (Father Stories) से डॉक्टर बनने की इच्छा जताई। फिर इस पिता ने अपनी बेटी को पढ़ाने के लिए पूरा जोर लगा दिया। नेहा ने NEET क्रैक करके अपने पिता की मेहनत का फल दिया है। अलवर के मुंडावर के चांदपुर गांव की रहने वाली नेहा के पिता विक्रम सिंह नरेगा मजदूर हैं। इसके साथ ही वह घर पर कुछ मवेशी भी रखते हैं।

पिता (Father Stories) ने मजदूरी करके अपनी बेटी को पढ़ाया। नेहा ने जब उनसे कहा कि वह डॉक्टर बनना चाहती है तो उन्होंने एक पल के लिए भी नहीं सोचा कि इतने पैसे कहां से आएंगे। उन्होंने (Father Stories) कड़ी मेहनत की और उसे पढ़ाई के लिए सीकर भेज दिया।

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