‘शनि’ इस ग्रह का नाम सुनकर ही लोग डर से थर थर कांपने लगते हैं। हालांकि शनि से डरने की जरूरत नहीं है। उन्हें न्याय का देवता भी कहा जाता है। वे बस जातक के कर्मों के मुताबिक उन्हें फल देते हैं। जो अच्छे कर्म करता है उन्हें शनिदेव का आशीर्वाद मिलता है। वहीं बुरे कर्म करने वाले को शनि दंडित करते हैं। इसलिए शनि को न्यायधीश भी कहते हैं।
जिस व्यक्ति पर शनि की शुभ दृष्टि होती है उसे किसी भी चीज की कभी कोई कमी नहीं होती है। इसके विपरीत जिनके ऊपर शनि की वक्र दृष्टि रहती है, उन्हें जीवन में कई दुख झेलने पड़ते हैं। कहते हैं कि शनि क्रोधित हो जाएं तो राजा को भी रंक बना देते हैं। इसलिए हर कोई शनि को प्रसन्न करने में लगा रहता है। लेकिन एक सवाल ये भी उठता है कि आप ये कैसे जानेंगे कि शनि आप से खुश हैं या नाराज? ज्योतिषशास्त्र में शनि के भारी होने की पहचान करने के कुछ लक्षण बताए गए हैं।
1. ज्योतिषशास्त्र की माने तो जब किसी जातक पर शनि का अशुभ प्रभाव पड़ता है तो उसके बाल तेजी से झड़ने लगते हैं। हालांकि सूर्य के अशुभ प्रभाव से भी बाल झड़ते हैं। इस स्थिति को बेहतर करने के लिए आपको शनिदेव का व्रत और पूजन कर उन्हें प्रसन्न करना चाहिए। वहीं सूर्य को मजबूत करने के लिए आप रोज सुबह तांबे के लोटे से सूर्य को जल अर्पित कर सकते हैं।
2. ज्योतिष के जानकार बताते हैं कि जब किसी व्यक्ति पर शनि भारी होता है तब उसके माथे का तेज फीका पड़ने लगता है। कुछ के ललाट कालेपन का शिकार भी हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में व्यक्ति को एक्स्ट्रा सावधानी बरतनी चाहिए। यह सिचूऐशन आपके मान सम्मान को हानी भी पहुंचा सकती है।
3. शनि की अशुभ दृष्टि जब पड़ती है तो परिवार और व्यापार दोनों पर ही मुसीबतों का पहाड़ टूटने लगता है। ऐसी स्थिति में बनता काम भी बिगड़ जाता है। ऐसे व्यक्ति को आग के चलते बड़ी हानी हो सकती है। इस तरह की स्थिति में आपको शनिदेव की प्रार्थना करना शुरू कर देना चाहिए। साथ ही शनि को अनुकूल बनाने के उपाय भी आजमाना चाहिए।
4. जब व्यक्ति मांसाहरी और तैलीय भोजन अधिक पसंद करने लगता है तो ये भी शनि के भारी होने का एक लक्षण होता है। यहाँ तक कि सात्वकि बंदा भी मांस-मदिरा खाने में ज्यादा दिलचस्पी लेने लगता है। यदि आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो संभाल जाएं। इन चीजों से जितना हो सके दूरी बना लें। अन्यथा दुख आपको घेर सकता है।
5. यदि किसी व्यक्ति के स्वाभाव में क्रोध और झूठ की भावना अचानक बढ़ने लग जाए तो ये भी एक संकेत है कि उसके ऊपर शनि का अशुभ प्रभाव शुरू हो गया है। ऐसा व्यक्ति धर्म और कर्म जैसे कामों से दूर भागने लगता है। वह गलत कामों में ज्यादा ध्यान लगता है। उसमें जुआँ सट्टा जैसी बुरी आदतें पनपने लगती हैं। ऐसी आदतें उसे गरीबी के दलदल में फंसाने लगती हैं। फिर जब वह कोई बुरा कर्म करता है तो शनि भयंकर दंड भी देते हैं।