Chanakya Niti: राजनीति, अर्थनीति, कूटनीति व नैतिक मूल्यों के मूर्धन्य विद्वान आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतिगत बातों में कुछ ऐसे तथ्यों पर प्रकाश डाला है जिनका अनुसरण मानव समाज के भूत, वर्तमान और भविष्य के लिए सर्वथा मूल्यवान है। प्रतिस्पर्धा के इस युग में प्रायः देखने को मिल रहा है कि एक दूसरे से बेहतर बनने की चाह में भरोसे का मूल्य कम होता जा रहा है।
इसी संदर्भ में आचार्य चाणक्य ने अपने नीतिगत विचारों में कुछ ऐसे महत्वपूर्ण तथ्यों को रेखांकित किया है जिसमें यह सलाह दी गई है कि अपने सुखद, सुरक्षित और सहज जीवन के लिए यह जरूरी है कि हम अपने व्यक्तिगत जीवन से जुड़ी बातों को सबके समक्ष साझा न करें। ऐसी ही कुछ महत्वपूर्ण बातों का नीचे उल्लेख किया जा रहा है-
1. भविष्य की योजनाओं को हमेशा गुप्त रखें
सफलता के लिए यह आवश्यक है कि अपने जीवन और भविष्य की योजना के विषय में जो भी चीजें आपके मन में है, उसे सभी के सामने जाहिर करने से बचें। यह सफलता की सीढ़ी का पहला चरण है।
2. आंख मूंदकर किसी पर ना करें भरोसा
आचार्य कहते हैं कि विवेकवान व्यक्ति कभी भी दूसरों की चिकनी चुपड़ी बातों में नहीं आता और इसी कारण कोई कितना भी करीबी हो, उससे वह अपनी व्यक्तिगत चीजें शेयर नहीं करता। जो लोग दूसरों पर भरोसा करके सब कुछ साझा कर देते हैं, वो भविष्य में इसका दुष्परिणाम भी झेलते हैं। इसी संदर्भ में आचार्य की एक उक्ति उल्लिखित है –
अर्थनाश॑ मनस्ताप॑ गॄहे दुश्चरितानि च।
वञ्चनं चापमानं च मतिमान्न प्रकाशयेतॄ।।
3. उपचार या उपाय को साझा करने से बेहतर दूसरे का भला करें
आचार्य चाणक्य ने एक स्थान पर कहा है कि यदि किसी उपाय या उपचार से आप लाभान्वित हुए हैं तो उसे दूसरे पर प्रयोग करके उसका भी भला कर सकते हैं। यदि आप उस उपाय को साझा करते हैं तो उसका असर खत्म हो सकता है।
4. कर्म और धर्म को व्यक्तिगत रखें
आचार्य कहते हैं कि कर्म व धर्म नितांत व्यक्तिगत विषय हैं। अतः उस पर चर्चा परिचर्चा के बेहतर है कि स्वधर्म का पालन करें।
5. किसी प्रकार की धार्मिक चूक हो जाने की स्थिति में
जीवन में कभी कभी ऐसा भी हो सकता है कि जाने-अनजाने हमने कुछ ऐसी चीजें खा ली हों जो धर्म के लिहाज से अखाद्य हैं। यदि ऐसा हो ही जाता है तो भविष्य में सचेत रहें और इस भूल का जिक्र दूसरों के सामने ना करें।
6. किसी का भरोसा ना तोड़े
आचार्य का कहना है कि यदि आपको किसी के जीवन से जुड़ी कोई प्रिय या अप्रिय बात की जानकारी हो जाती है तो उसे अपने तक सीमित रखें और भरोसे के योग्य बने रहें।
7. कमजोरी का खुलासा कभी ना करें
आचार्य चाणक्य अपने नीति वाक्य में कहते हैं कि यदि हमारे अंदर कोई कमी या कमजोरी है तो उसे किसी से साझा ना करें और ना ही उस कमजोरी को अपना हिस्सा बनने दें। यदि आपने दूसरों से साझा किया तो सामने वाला उसका गलत इस्तेमाल करने से नहीं चूकेगा।
8. आय, भविष्य की योजना व खर्चों को साझा करने से बचें
इस संदर्भ में आचार्य ने बहुत महत्वपूर्ण बात यह कही है कि किसी भी व्यक्ति को अपने आय-व्यय और भविष्य की योजना का जिक्र दूसरों के सामने नहीं करना चाहिए साथ ही अपने धन और संपत्ति का दिखावा तो कदापि नहीं करना चाहिए।
10. परिवार से जुड़े दुखद अनुभव सबसे साझा ना करें
आचार्य कहते हैं कि प्रायः हर किसी के परिवार में आपसी व्यवहार में कुछ अप्रिय बातें हो सकती हैं पर इन बातों को परिवार से बाहर कभी साझा नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे पारिवारिक कमियां बाहरी लोगों के सामने उजागर हो जाएंगी और उसका नुकसान पूरे परिवार को झेलना पड़ेगा।