भारतीय अरबपति और अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी पर अमेरिका में गंभीर आरोप लगाए गए हैं. यह आरोप उनकी कंपनी को निवेशकों को धोखा देने के है. उन पर अमेरिका में अपनी कंपनी को कॉन्ट्रेक्ट दिलाने के लिए 265 मिलियन डॉलर या करीब 2236 करोड़ रूपये की रिश्वत देने और इसे छिपाने का आरोप लगाया गया है.यह पूरा मामला अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और एक अन्य फर्म से जुड़ा हुआ है.वहीं इस खबर के बाद से अडानी समूह के ब्रांड में काफी गिरावट आई है.
एलएसईजी के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त 2027 में परिपक्व होने वाले अडानी पोर्ट और स्पेशल इकनॉमिक ज़ोन द्वारा जारी किए गए ऋण में डॉलर पर पाँच सेंट से अधिक की गिरावट आई. रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी 2030 अडानी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई के बॉन्ड में लगभग आठ सेंट की गिरावट आई, जबकि अडानी ट्रांसमिशन के बॉन्ड में भी पाँच सेंट से अधिक की गिरावट देखी गई, जो 80 सेंट से थोड़ा ऊपर कारोबार कर रहे थे.
गौतम अडानी पर रिश्वतखोरी का आरोप
अमेरिकी अभियोजकों ने बुधवार को कहा कि अरबपति गौतम अडानी पर करोड़ों डॉलर की रिश्वत देने और निवेशकों से भुगतान छिपाने का आरोप लगाया गया है. समाचार एजेंसी एएफपी ने उप सहायक अटॉर्नी जनरल लिसा मिलर के हवाले से कहा, ‘इस अभियोग में भारतीय सरकारी अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर से अधिक की रिश्वत देने, अरबों डॉलर जुटाने के लिए निवेशकों और बैंकों से झूठ बोलने तथा न्याय में बाधा डालने की योजना का आरोप लगाया गया है.’
किस-किस पर लगा है आरोप?
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के अधिकारी और एज़्योर पावर ग्लोबल लिमिटेड के अधिकारी सिरिल कैबनेस पर झूठे और भ्रामक बयानों के माध्यम से अमेरिकी निवेशकों और वैश्विक वित्तीय संस्थानों से धन प्राप्त करने की बहु-अरब डॉलर की योजना में उनकी भूमिका के लिए प्रतिभूति और वायर धोखाधड़ी के साथ-साथ मूल प्रतिभूति धोखाधड़ी करने की साजिश का आरोप लगाया गया था.
निदेशक पर प्रतिबंध लगाने की मांग की
एसईसी ने आरोप लगाया कि रिश्वतखोरी की यह योजना अक्षय ऊर्जा कंपनियों अडानी ग्रीन और एज़्योर पावर को भारत सरकार द्वारा दिए गए बहु-अरब डॉलर के सौर ऊर्जा परियोजना से लाभ कमाने में सक्षम बनाने के लिए बनाई गई थी. पीटीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि शिकायत में उन पर संघीय प्रतिभूति कानूनों के धोखाधड़ी-रोधी प्रावधानों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है तथा स्थायी निषेधाज्ञा, नागरिक दंड तथा अधिकारी एवं निदेशक पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है.
प्वाइंट्स में समझिए
- एसईसी ने एक बयान में कहा कि कथित योजना के दौरान, अडानी ग्रीन ने अमेरिकी निवेशकों से 175 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की राशि जुटाई, और एज़्योर पावर के स्टॉक का न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में कारोबार किया गया.
- इसके साथ ही, न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय ने गौतम अडानी और सागर अडानी, कैबनेस और अडानी ग्रीन और एज़्योर पावर से जुड़े अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक आरोपों को उजागर किया.
- ब्रुकलिन की एक संघीय अदालत में खोले गए संघीय अभियोग में, विश्व की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजनाओं में से एक से संबंधित रिश्वतखोरी योजना के संबंध में विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम का उल्लंघन करने की साजिश के लिए पांच अन्य लोगों पर आरोप लगाया गया है.
- गौतम अडानी और सात अन्य अधिकारियों पर आकर्षक अनुबंध हासिल करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने तथा रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के बारे में झूठे बयान देकर निवेशकों को धोखा देने का आरोप है.
- एफबीआई के सहायक निदेशक जेम्स डेनेही के अनुसार, उन्होंने कथित तौर पर जांच में बाधा डालने का भी प्रयास किया.
एशियाई कारोबार में काफी गिरावट
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, अडानी समूह की कंपनियों के डॉलर बांड की कीमतों में गुरुवार यानी आज, 21 नवंबर को शुरुआती एशियाई कारोबार में काफी गिरावट आई, खबरों की मानें तो समूह के अरबपति अध्यक्ष गौतम अडानी पर रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोप में न्यूयॉर्क में अभियोग लगाया गया. जिसका परिणाम अब इस ग्रुप पर दिखने लगा है.