नई दिल्ली। इतिहास में कई ऐसे मुग़ल बादशाह हुए हैं, जिन्होंने हिंदू लड़कियों से शादी की। देखा जाता था कि अगर कोई हिन्दू राजकुमारी उन्हें पसंद आ जाती थी तो उसे हासिल करने के लिए वो युद्ध तक करते थे। कई बार उन्होंने हिन्दू लड़कियों से अस्थाई निकाह भी किया। इस तरह की शादी मुग़ल बादशाह या शहजादे सिर्फ यौन सुख के लिए करते थे। उन्हें कभी पूर्ण रूप से पत्नी होने का दर्जा नहीं मिलता था।
शाहजहां का बेटा हो गया था बावला
शारीरिक संबंध बनाने के लिए शाहजहां के बड़े बेटे दारा शिकोह ने भी एक हिन्दू नर्तकी से अस्थाई निकाह किया था। दरअसल इस्लाम में साहिह, बातिल, फ़ासिद, मुता चार तरह के निकाह होते हैं। इसमें से मुता ऐसा विवाह है, जिसमें महिला को पूर्ण पत्नी होने का दर्जा नहीं मिलता था। दारा शिकोह का दिल दरबार में रहने नाचने वाली एक हिंदू नर्तकी पर आ गया। दारा शिकोह हिंदू नर्तकी राना-ए-दिल से संबंध बनाने के लिए लालियत हो गया और किसी तरह हासिल करने के बारे में सोचने लगा।
यौन सुख के लिए किया विवाह
दारा शिकोह दिन रात राना के प्यार में पागल रहने लगा। हालांकि राना ने शुरुआत में दारा के प्यार को अनदेखा किया। राना की बेरुखी देखकर दारा और बेचैन हो उठा, वो उसको पाने के लिए और तड़पने लगा। शाहजहां किसी भी कीमत पर एक नर्तकी से बेटे का निकाह नहीं करना चाहते थे। राना ने बिना शादी के दारा के साथ शारीरिक संबंध बनाने से मना कर दिया। शाहजहां ने हार मानकर बेटे को राना से निकाह करने की अनुमति दे दी लेकिन ये शादी मुता थी। दारा शिकोह की मृत्यु तक राना अस्थाई पत्नी ही रही। वो सिर्फ दारा की शारीरिक जरूरत को पूरा करती थी।