क्रिकेट में जब भी रिकार्ड्स बनाने की बात होती हैं तो सब के दिमाग मे सबसे पहले सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, सुनील गावस्कर और सर डॉन ब्रैडमैन जैसे खिलाड़ियों का ही नाम आता हैं। जबकि इंग्लैंड के महान बल्लेबाज सर जैक होब्स ने अपने तीस साल के कैरियर में ऐसा मुकाम हासिल किया हैं जिसे पार करना किसी के बस की बात नहीं।
18वीं शताब्दी में इंग्लैंड का एक विस्फोटक बल्लेबाज था, जिसका नाम जैक हॉब्स था। शायद इस नाम को ज्यादातर कोई नहीं जानता होगा। उन्होंने क्रिकेट में जो कारनामा किया है वो आज तक कोई नहीं कर पाया और शायद ऐसा कभी दोबारा होगा भी नहीं।
सर जैक होब्बस का जन्म 16 दिसम्बर 1882 को कैम्ब्रिज में हुआ था। इन्होने कुल 834 प्रथम श्रेणी मैच खेले। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में इस महान खिलाड़ी ने 61730 रन, 199 शतक (Century) और 273 अर्धशतक (Half Century) बनाई।
सर जॉन बेरी हॉब्स जिन्हें हमेशा जैक हॉब्स के नाम से जाना जाता था , एक अंग्रेजी पेशेवर क्रिकेटर थे, जो 1905 से 1934 तक सरे के लिए खेले और 1908 और 1930 के बीच 61 टेस्ट मैचों में इंग्लैंड के लिए खेले। ये “द मास्टर” के रूप में जाने जाते हैं। जैक हॉब्स ने अपना पहला फर्स्ट क्लास मैच 23 साल की उम्र में खेला था।
हॉब्स की सफलता तेज फुटवर्क, कई अलग-अलग शॉट खेलने की क्षमता और गेंद के उत्कृष्ट प्लेसमेंट पर आधारित थी। हॉब्स का सर्वाधिक स्कोर 316 है। आपको बता दें कि साल 1934 में हॉब्स ने अपने करियर का अंतिम 199वां शतक लगाया था। इसके बाद उनका करियर ग्राफ थोड़ा नीचे गिर गया था। उन्होंने साल 1935 में रिटायरमेंट ले लिया था।
क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद उन्होंने पत्रकारिता में भी काम किया। उन्होंने अपने बाद के वर्षों में अपनी पत्नी की देखभाल की। 1963 में उसके कुछ महीने बाद 81 वर्ष की आयु में उनकी मृत्यु हो गई।