पुलिस में भर्ती होते हुए कसम खिलाई जाती है कि वह रिश्वत नहीं लेंगे लेकिन गोरखपुर की ट्रेनी महिला दरोगा अपनी खाई हुई कसम को ही भूल गई, जिसका अंजाम अब उसे भुगतना पड़ा. एक ट्रेनी महिला दरोगा ने एक महिला से मारपीट की घटना में उसके पति, बेटे और बेटी का नाम हटाने के लिए रिश्वत की मांग की और रिश्वत लेते हुए एंटी करप्शन टीम ने महिला दरोगा को गिरफ्तार कर लिया.
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एक ट्रेनी महिला दरोगा को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया है. महिला दरोगा ने एक महिला से मारपीट की घटना में उसके पति और बेटी-बेटी का नाम हटाने के लिए पैसे मांगे और जब महिला उसे पैसे देने पहुंची तभी महिला दरोगा के भ्रष्टाचार का खुलासा हो गया. दरअसल बिहार राज्य के आरा जिले के नया सवलपुर गांव निवासी अंकिता पांडेय ट्रेनी दरोगा हैं. उनकी तैनाती वर्तमान में पिपराइच थाना क्षेत्र में थी. इसी थाना क्षेत्र के बेला काटा गांव निवासी उर्मिला देवी पत्नी गोरख निषाद के परिजनों और उनके पट्टीदारों के बीच बीते 27 सितंबर को मारपीट हुई थी. इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज किया था. मामले की जांच ट्रेनी दरोगा अंकिता पांडेय को सौंपी गई थी.
महिला दरोगा इस मामले की जांच कर रही थी. इसी दौरान उनकी मुलाकात उर्मिला से हुई. उर्मिला ने एंटी करप्शन टीम को बताया था कि उसने अपने परिवार की बेगुनाही के सारे सबूत दिए थे. मैंने बताया भी था कि इस घटना में हम लोगों का कोई दोष नहीं है. हम लोग बेकसूर हैं, बल्कि पाटीदारों ने ही हम लोगों को पीटा था. सारे सबूत देने के बाद भी महिला दरोगा मानने को तैयार नहीं थीं. वह बार-बार 50 हजार रुपये की मांग कर रही थीं. हम लोगों की क्षमता इतनी नहीं थी. परेशान होकर मैंने अपने वकील और एंटी करप्शन थाने में शिकायत की थी.
पीड़ित महिला ने बताया कि शुक्रवार की शाम को पहली किस्त के तौर पर 10 हजार देने के लिए मैंने उन्हें राजी किया और पैसे देने के लिए मैंने दरोगा को फोन किया तो उन्होंने कहा कि बेला कांटा पुलिस पिकेट पर आ जाओ. वहीं तुम्हारी परेशान का हल होगा. इसकी जानकारी मैंने एंटी करप्शन टीम को दी. तय जगह पर वह पहले ही पहुंच गई थीं, जैसे ही महिला ने दरोगा को 10 हजार की रिश्वत दी, तभी एंटी करप्शन की टीम ने महिला दरोगा को दबोच लिया.
महिला दरोगा के साथ दो सिपाही भी थे, लेकिन जैसे ही उनको घटना की जानकारी हुई. वह मौके से फरार हो गए. एंटी करप्शन टीम ने महिला दरोगा के खिलाफ कैंट थाने में केस दर्ज कराया. इस सिलसिले में एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि ट्रेनी महिला दरोगा के रिश्वत लेने की जानकारी होते ही उन्हें तुरंत सस्पेंड कर दिया गया है. विभागीय जांच चल रही है और आगे की करवाई साक्ष्यों और तथ्यों आधार पर की जाएगी.
गोरखपुर में इससे पहले भी ऐसी कई घटनाएं हो चुकी है. 22 मई, 2019 को मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रामशरण श्रीवास्तव से राजघाट थाना के दरोगा और उसके साथी ने रंगदारी वसूली थी. 25 सितंबर, 2020 को चौरीचौरा थाने की पुलिस ने देवरिया जनपद के सलेमपुर थाने में तैनात एक सिपाही को एक मामले में तस्करी के आरोप में जेल भेज दिया गया था. 21 जनवरी, 2021 को महाराजगंज के स्वर्ण व्यापारी का अपहरण कर 30 लाख रुपए का सोना लूट गया था. इस मामले में बस्ती जनपद में दरोगा धर्मेंद्र यादव और सिपाही महेंद्र यादव और संतोष यादव को गिरफ्तार का कैंट पुलिस ने जेल भेजा था. यानी इस तरह के मामले समय-समय पर गोरखपुर से सामने आते रहे हैं.