भाभी ने पकड़े हाथ, जीजा ने छाती पर बैठकर दबाया…रूह कंपा देगी कहानी

भाभी ने पकड़े हाथ, जीजा ने छाती पर बैठकर दबाया…रूह कंपा देगी कहानी

नई दिल्ली: हाईवे नंबर 57 पर पश्चिमी यूपी के सहारनपुर में जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर एक कस्बा है- नानौता। 25 नवंबर, सोमवार की सुबह इसी नानौता पुलिस को खबर मिलती है कि पास की एक नहर में बोरे में बंद एक युवती की लाश पड़ी है। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंचती है और पंचनामा कर लाश को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया जाता है। जिस युवती की लाश मिली, उसकी उम्र तकरीबन 18-19 साल रही होगी।

अब पुलिस के सामने कई सवाल थे। ये लाश किसकी थी और इस युवती को किसने इस तरह बोरे में बंद कर नहर में फेंका? पुलिस अभी इन सवालों के जवाब तलाशने में उलझी ही थी कि अगले ही दिन देवबंद थाने में एक लड़की पहुंचती है। आयशा नाम की ये लड़की लिखित शिकायत देते हुए बताती है कि उसकी बड़ी बहन शाइला लापता है और उसे शक है कि उसके माता-पिता ने शाइला का कत्ल कर दिया है।

ये सुनते ही पुलिस अफसर तुरंत उस युवती की फोटो मंगाते हैं, जिसकी बोरे में बंद लाश एक दिन पहले ही नहर में मिली थी। फोटो देखते ही आयशा उसे पहचान लेती है और बताती है कि यही उसकी बड़ी बहन शाइला है। पुलिस आयशा से कुछ सवाल पूछती है और इसके बाद केस दर्ज कर उसके पिता जाफर, मां बानो, भाभी नजमा और जीजा मारूफ को गिरफ्तार कर थाने ले आती है।

क्या थी कत्ल की ये पूरी कहानी?
शुरुआत में ये लोग इस कत्ल में अपना हाथ होने से मना करते हैं, लेकिन जब सख्ती से पूछताछ होती है तो चारों अपना गुनाह कबूल कर लेते हैं। 18 साल की शाइला का कत्ल किसी और ने नहीं, बल्कि उसके सगे मां-बाप, भाई और जीजा ने किया था। अब सवाल था कि आखिर एक मां और बाप अपनी ही बेटी के खून के प्यासे क्यों हो गए?

इन चारों से पूछताछ होती है, तो एक कहानी सामने आती है। ऐसी कहानी, जिसमें अपनी झूठी शान बचाने के लिए खून के रिश्ते को ही मिटा दिया गया। दरअसल, शाइला का अपनी भाभी नजमा के भाई के साथ अफेयर चल रहा था। इसकी भनक जब परिवार वालों को लगी तो उन्होंने इस रिश्ते पर ऐतराज जताया, लेकिन शाइला नहीं मानी। वो परिवार के लोगों से छिपकर फोन पर घंटों बातें करती।

शादी के बहाने से आयशा को किया दूर
आयशा भी उसका साथ देती थी। ऐसे में परिवार ने ठान लिया कि शाइला को खत्म पर दिया जाए। कत्ल के लिए चारों ने मिलकर प्लान बनाया। प्लान का पहला हिस्सा था, छोटी बहन आयशा को शाइला से दूर करना, ताकि वो बीच में रुकावट ना बन पाए। प्लान के दूसरे हिस्से के तहत, शाइला के कत्ल को अंजाम देना था और आखिरी हिस्सा था उसकी लाश को ठिकाने लगाना।

22 नवंबर को शाइला की मां बानो ने घर में बताया कि पास के अंबहेटा हसनपुर गांव में उसकी सहेली की बेटी की शादी है और इस शादी में वो जबरदस्ती आयशा को अपने साथ ले गई। वहां शाइला का जीजा मारूफ पहले से मौजूद था। अगले दिन दोनों ने आयशा को वहीं शादी में छोड़ा और बाइक से वापस घर आ गए। अब घर पर शाइला के अलावा उसकी मां, पिता, भाभी और जीजा थे।

अकेली शाइला पर टूट पड़े चारों
चारों ने शाइला से उसके अफेयर को लेकर बात की और उससे कहा कि इस रिश्ते को तुरंत खत्म करे। शाइला ने ऐसा करने से मना किया और अपने कमरे में आकर लेट गई। पीछे से ये चारों भी उसके कमरे में पहुंचे। शाइला कुछ समझ पाती, उससे पहले ही मारूफ ने उसे दबोच लिया और उसकी छाती पर चढ़कर बैठ गया। इधर मां-बाप ने उसके पैर पकड़े और भाभी ने हाथों को कब्जा लिया।

शाइला की छाती पर बैठे मारूफ ने अपने हाथों से उसका गला पकड़ा और तब तक दबाता रहा, जब तक कि उसने दम नहीं तोड़ दिया। कत्ल का ये तरीका चारों ने पहले से सोच रखा था। शाइला को मारने के बाद मारूफ ने उसकी लाश को बाकी तीनों लोगों की मदद से एक बोरे में डाला। प्लान था उसकी लाश को घर से काफी दूर बहती नहर में फेंकने का, ताकि किसी को उसके कत्ल की भनक तक ना लगे।

कम पानी की वजह से अटक गई लाश
बोरे में बंद लाश को पकड़कर शाइला की मां बानो पीछे बैठी और मारूफ बाइक चलाकर करीब 20 किलोमीटर दूर ऐनाबाद नहर पर पहुंचा। दोनों ने बोरे को उठाया और बहती नहर में फेंक दिया। इन्हें लगा कि लाश बहकर काफी दूर निकल जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं था। दरअसल, जिस वक्त इन दोनों ने शाइला की लाश को नहर में फेंका, उस वक्त पानी कम था, जिसकी वजह से वो वहीं किनारे पर अटक गई।

इसके बाद पुलिस को लाश मिली और शाइला की छोटी बहन आयशा की वजह से इन चारों के गुनाह का पर्दाफाश हो गया। पुलिस ने आयशा के पिता जाफर, मां बानो, भाभी नजमा और जीजा मारूफ के ऊपर संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया है। कत्ल की इस वारदात से आसपास के लोग भी हैरान हैं कि आखिर कोई मां-बाप इतनी बेरहमी से अपनी ही बेटी की जान कैसे ले सकते हैं।

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