भिंड: मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के एक प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। एक 44 साल की महिला के पेट में दो साल तक सर्जिकल कैंची रही। ग्वालियर के कमला राजा अस्पताल में 2022 में हुए एक ऑपरेशन के बाद से ही कमला बाई को पेट दर्द की शिकायत थी। कई डॉक्टरों को दिखाने और जांच करवाने के बाद भी दर्द का कारण पता नहीं चल पा रहा था। आखिरकार भिंड जिला अस्पताल में हुए CT स्कैन से पता चला कि उसके पेट में सर्जिकल कैंची है। परिवार अब डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।
दरअसल, कमला बाई भिंड के सौंधा गोहद की रहने वाली हैं। फरवरी 2022 में ग्वालियर के कमला राजा अस्पताल में उनके पेट में एक गांठ को निकालने के लिए ऑपरेशन हुआ था। इस ऑपरेशन के बाद से ही उन्हें पेट में दर्द होने लगा। दर्द इतना बढ़ गया कि उनका जीना मुश्किल हो गया था। कई डॉक्टरों को दिखाने के बाद भी कोई फायदा नहीं हुआ। हर बार जांच में कुछ पता नहीं चला। डॉक्टर भी समझ नहीं पा रहे थे कि आखिर समस्या क्या है।
सीटी स्कैन में पता चली सच्चाई
दो साल तक कमला बाई दर्द से तड़पती रहीं। पेट फूलना, बदहजमी जैसी समस्याएं भी होने लगीं। परिवार वाले परेशान थे कि आखिर उनकी तकलीफ का कारण क्या है। आखिरकार उन्होंने भिंड जिला अस्पताल में CT स्कैन करवाने का फैसला किया। शुक्रवार को हुए CT स्कैन में एक चौंकाने वाली बात सामने आई। रिपोर्ट में उनके पेट के बाएं पैराकोलिक गटर, जो पाचन तंत्र का एक हिस्सा है, में एक धातु की वस्तु दिखाई दी। जब और जांच की गई तो पता चला कि यह वस्तु सर्जिकल कैंची है। यह वही कैंची थी जो दो साल पहले हुए ऑपरेशन के दौरान उनके पेट में ही छूट गई थी।
ऑपरेशन के दौरान छूट गई थी कैंची
कमला बाई का कहना है कि 20 फरवरी 2022 को कमला राजा अस्पताल में उनके पेट से कैंसर की गांठ निकालने का ऑपरेशन हुआ था। उनका आरोप है कि ऑपरेशन करने वाले डॉक्टरों की लापरवाही के कारण उनके पेट में कैंची रह गई। इस लापरवाही के कारण उन्हें दो साल तक बेहद तकलीफ झेलनी पड़ी।
परिवार अब कर रहा इंसाफ की मांग
परिवार अब इस मामले में इंसाफ की मांग कर रहा है। वे दोषी डॉक्टरों और अस्पताल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि जो भी इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार है, उसे सजा मिले। कमला बाई का परिवार अब न्याय की उम्मीद कर रहा है। इस घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है। लोगों में डॉक्टरों के प्रति गुस्सा है। वे चाहते हैं कि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों। इसके लिए जरूरी है कि अस्पतालों में सही तरीके से जांच पड़ताल की जाए और डॉक्टर अपनी जिम्मेदारी समझें।