इस मुस्लिम देश में पुरुषों का अकाल, संबंध बनाने के लिए तड़प रहीं महिलाएं बोलीं- सिर्फ एक बार…..

इस मुस्लिम देश में पुरुषों का अकाल, संबंध बनाने के लिए तड़प रहीं महिलाएं बोलीं- सिर्फ एक बार.

नई दिल्ली। एक दशक से ज्यादा वक्त तक गृह-युद्ध की चपेट में रहे सीरिया में पुरुषों का अकाल पड़ गया है। यहां पर 70 फीसदी से ज्यादा महिलाओं को शादी करने के लिए पार्टनर नहीं मिल रहा है।

पुरुषों की कमी का आलम तो यह है कि यहां की महिलाओं लड़कों के लिए आपस में झगड़ रही हैं. देश के कई हिस्सों में तो एक-एक पुरुष से चार-चार महिलाएं शादी कर रही हैं।

संबंध बनाने को तड़प रहीं…मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सीरिया की महिलाओं को पार्टनर की इतनी ज्यादा कमी खल रही है कि वो पुरुषों के पास जाकर गिड़-गिड़ा रही हैं। कई परिवार तो अपनी बेटी की शादी कराने के लिए पुरुषों को महंगे-महंगे गिफ्ट देने का लालच दे रहे हैं।

सीरिया में क्यों बने ऐसे हालातबता दें कि सीरिया में गृह-युद्ध के दौरान ज्यादातर युवाओं की जान जा चुकी है। इसके अलावा बहुत सारे युवाओं ने देश छोड़ दिया है। वहीं, बड़ी संख्या में युवा जेलों में हैं। यही वजह है कि देश में सिंगल वुमन और विधवा महिलाओं की संख्या काफी ज्यादा हो गई है। कई मीडिया रिपोर्ट्स का दावा है कि 1990 के दौर में पैदा हुए लोगों की एक पूरी पीड़ी गृह युद्ध में खत्म हो गई है।

असद राज का खात्मा हो गयागौरतलब है कि पिछले दिनों सीरिया में असद परिवार के आधी सदी पुराने राज का खात्मा हो गया। राष्ट्रपति असद देश छोड़कर रूस जा चुके हैं। असद के बारे में पहले ही संभावना जताई जा रही थी कि वह सीरिया छोड़कर रूस जा चुके हैं। हालांकि पहले इसकी पुष्टि नहीं हुई थी, लेकिन रूस के साथ असद के करीबी रिश्ते को देखते हुए यह दावा किया जा रहा था कि वह वहीं गए होंगे। मालूम हो कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और असद की अच्छी दोस्ती है। सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद और उनके परिवार को रूस में शरण देने पर क्रेमलिन ने बड़ा बयान दिया। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि असद को शरण देना रूस का निजी फैसला है। इसके साथ ही पेस्कोव ने कहा कि हम असद को दी गई शरण को लेकर आधिकारिक बयान देने के लिए बाध्य नहीं हैं। वहीं, सीरिया लगभग-लगभग विद्रोहियों के हाथ में जा चुका है। राजधानी दमिश्क के साथ ही सीरिया के चार बड़े शहर-अलेप्पो, हमा, दारा और होम्स विद्रोहियों के कब्जे हैं। इसके अलावा बाकी अन्य शहरों के भी जल्द ही विद्रोहियों के कब्जे में आने की संभावना है। हालांकि, अभी कुछ हिस्सों में सेना ने अपना कब्जा बनाया हुआ है।

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