Mahakumbh 2025 Unique Baba: प्रयागराज में इस महीने 13 जनवरी से महाकुंभ के मेले की शुरुआत हो रही है. ये महाकुंभ 45 दिनों तक चलेगा. 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के अंतिम शाही के साथ महाकुंभ का समापन होगा. महाकुंभ के दौरान साधु संतों समेत बड़ी तादाद में श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगे. प्रयागराज में साधु संतों का डेरा पहुंचना शुरु हो गया है. इस बार भी कुंभ मेले में कई अदभुत साधु संत देखने को मिल रहे हैं, जो अपनी किसी न किसी अनोखी पहचान की वजह से आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं.
एंबेसडर वाले बाबा
एंबेसडर बाबा 1972 मॉडल की कार से महाकुंभ के लिए पहुंचे हैं. वो अपनी अनोखी पहचान और जीवनशैली की वजह से आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. बाबा ने कहा कि जिस कार से वो इस बार के महाकुंभ के लिए पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि वो अपनी इस एंबेसडरकार से चार कुंभ मेलों का हिस्सा बन चुके हैं. बाबा ने कहा कि वो इसी कार में खाते-पीते और सोते हैं. अपनी 1975 मॉडल की कार से प्रयागराज आने में उन्हें डेढ़ दिन लग गया. उन्होंने कहा कि कार उनके साथी के जैसी है. वो पूरी जिम्मेदारी से कार संभालते हैं. उन्होंने ये भी कहा कि वो महाकुंभ के बाद बनारस और गंगासागर यात्रा करने वाले हैं.
रुद्राक्ष वाले बाबा
रुद्राक्ष बाबा के वीडियोज बड़ी तेजी से वायरल हो रहे हैं. रुद्राक्ष बाबा कुल 108 मालाएं पहनते हैं. इन मालाओं में 11 हजार रुद्राक्ष हैं, जिनका भार 30 किलो से भी ज्यादा है. इस वजह से लोग इन्हें रुद्राक्ष बाबा के नाम से पुकारते हैं. मीडिया को दिए इंटरव्यू में बाबा ने बताया कि वो लंबे समय से रुद्राक्ष पहन रहे हैं.
ये भी पढ़ें
दिगंबर नागा बाबा
महाकुंभ के लिए राजस्थान से एक ऐसे बाबा भी आए हैं, जिन्होंने पिछले पांच सालों से अपना दांया हाथ उठा रखा है. बाबा का नाम है दिगंबर नागा बाबा. बाबा अपनी अनूठी तपस्या के लिए मशहूर हैं. बाबा से कहा कि वो तपस्या सनातन धर्म की रक्षा और देश के भविष्य की सुरक्षा के लिए कर रहे हैं.
खडेश्वर नागा बाबा, छोटू बाबा और चाबी वाले बाबा
खडेश्वर नागा बाबा गुजरात से प्रयागराज पहुंचे हैं. खडेश्वर नागा बाबा 12 सालों से लगातार खड़े रहने की तपस्या की है. वहीं प्रयागराज पहुंचे अन्य मशहूर बाबाओं में छोटू बाबा और चाबी वाले बाबा भी शामिल हैं. छोटू बाबा ने पिछले 32 सालों से स्नान त्याग रखा है. चाबी वाले बाबा की बात करें तो उनके पास 20 किलो की चाबी रहती है. चाबी वाले ई-रिक्शा से प्रयागराज पहुंचे हैं. इसी तरह से और भी बाबा है जो इस वक्त कुंभ मेले में आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं.
ये भी पढ़ें: Dandvat Pranam: क्या महिलाओं को मंदिरों में साष्टांग दण्डवत प्रणाम करना चाहिए?